फाइलेरिया भगाने को घर-घर खिलाई जाएंगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां

सीतामढ़ी। फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:46 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:46 PM (IST)
फाइलेरिया भगाने को घर-घर खिलाई जाएंगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां
फाइलेरिया भगाने को घर-घर खिलाई जाएंगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां

सीतामढ़ी। फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में घर-घर जाकर सभी को (दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को छोड़कर) डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी। जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव ने जिला मलेरिया कार्यालय में दीप प्रज्ज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों ने दवा खाकर फलेरिया मुक्त सीतामढ़ी का संदेश दिया। डीएम ने कहा कि हमलोग फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए कृत संकल्पित हैं। इसके लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई गई है। इस अभियान के पहले डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करने हेतु शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि के द्वारा समुदाय को प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रम चलाया गया। साथ ही क्षेत्र के सभी घरों में लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने को लेकर जागरूक भी किया गया। जागरूकता रथ गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेगा। जिलाधिकारी ने अपील करते हुए कहा कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने हेतु दवा का जरूर सेवन करें। जिलाधिकारी ने फाइलेरिया रोगियों के बीच कीट का भी वितरण किया। डीएमओ डा. आरके यादव ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग हैं। व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर की सूजन हाथीपांव, अंडकोष का सूजन है। फाइलेरिया की रोकथाम नियंत्रण के लिए डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोली साल में एक बार सरकार द्वारा मुफ्त में खिलाई जा रही है।

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दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को नहीं

दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ितों के अलावा यह दवा सभी को खिलाई जाएगी। यह दवा खाली पेट नहीं खाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही खाना जरूरी है। किसी-किसी व्यक्ति को मरते हुए परजीवी के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सर दर्द, शरीर में दर्द, बुखार उल्टी, बदन पर चकत्ते जैसी मामूली प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इससे घबड़ाना नहीं चाहिए और यह लक्षण स्वत: ही ठीक हो जाते हैं। कार्यक्रम में सिविल सर्जन सुरेश चंद्र लाल, डीएमओ डा. आरके यादव, डीपीआरओ परिमल कुमार, डीपीएम अशीत रंजन, केयर इंडिया के मानस कुमार आदि उपस्थित थे।

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