बेटियो ने कहा-प्रधानमंत्री जी, मन की बात में मासिक धर्म पर भी दूर करें देश की भ्रांतियां

सीतामढ़ी। माहवारी की बात होते ही लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव की तस्वीर उभरने लगती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 12:59 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 12:59 AM (IST)
बेटियो ने कहा-प्रधानमंत्री जी, मन की बात में मासिक धर्म पर भी दूर करें देश की भ्रांतियां
बेटियो ने कहा-प्रधानमंत्री जी, मन की बात में मासिक धर्म पर भी दूर करें देश की भ्रांतियां

सीतामढ़ी। माहवारी की बात होते ही लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव की तस्वीर उभरने लगती है। खासकर ग्रामीण और कामकाजी महिलाओं को इस भेदभाव से दो-चार होना पड़ता है। जिले के रीगा में ललिता बाबू किशोरी महासंघ से जुड़ीं लगभग 35 सौ की संख्या में किशोरियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित पत्र भेजा। मासिक धर्म से संबंधित भ्रांतियों को तोड़ने के लिए अपने'मन की बात'कार्यक्रम में इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की है। इन बेटियों की इच्छा है कि प्रधानमंत्री उनके मुद्दे पर देश को समझाने का काम करें। यौन प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार के तहत किशोरियों के पाठ्यक्रम में मासिक धर्म से संबंधित विषय पर खुलकर बात हो। इस संदर्भ में किशोरियों ने शिवहर सांसद रमा देवी को वाट्सएप पर अपनी बातें लिखकर भेजी। पीएम ऑफिस को ट्वीटर संदेश भेजा। सांसद रामा देवी ने मैसेज देखकर किशोरियों से बात भी की और उनकी बातें प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया। सेनेटरी पैड बनाकर सबको जागरूक कर रहीं रीगा की बेटियां

ये बेटियां खुद से समुदाय में मासिक धर्म से संबंधित भ्रांतियों को तोड़ सशक्त बनाने में जुटी हुई हैं। विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस (28 मई) के मौके पर, इससे जुड़े मुद्दों पर जागरुकता का संदेश दिया गया। हैरत की बात है कि आज के समय में भी इसके साथ सामाजिक कलंक और अज्ञानता जुड़ी है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी तोड़ना तथा इनकी ओर समाज का ध्यान आकर्षित करना बेहद जरूरी है। जिले के रीगा प्रखंड में किशोरियों ने चार्म और सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से माहवारी स्वच्छता पर जागरूकता संदेश दिया। पेपर पेंटिग व डिजिटल नारों के द्वारा सबका ध्यान खींचने की कोशिश की। किशोरियों का कहना है कि मासिक धर्म को लेकर कुछ भ्रांतियां ऐसी हैं जिसके कारण उनका स्कूल जाना छूट जाता है। किशोरियों को घर के पूजा हवन में प्रवेश करना वर्जित हो जाता है। मासिक धर्म से संबंधित भ्रांतियों को तोड़ने के लिए किशोरियों ने जागरूकता संदेशों का सहारा लिया। चार्म संस्था के डॉ. कमल कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में किशोरियां घर में सेनेटरी पैड का निर्माण कर रही हैं। सेनेटरी निर्माण का ये प्रशिक्षण भी दे रही हैं। ताकि कोई भी किशोरी सेनेटरी पैड के अभाव में ना रहे। लॉकडाउन में कई गांवों में मेडिकल शॉप बंद हैं। किराना की दुकान भी बहुत दूर है। ऐसी परिस्थितियों में सेनेटरी पैड की किल्लत होना लाजिमी है। ऐसे में किशोरियों ने उत्कृष्ट सामाजिक योगदान दिया है। अपनी हमउम्र किशोरियों को सेनेटरी पैड बनाने की प्रेरणा देकर उनका मनोबल बढ़ाया है।

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