करेंसी एक्सचेंज कारोबारी अपराधियों के निशाने पर, नेपाली व्यवसायी की हत्या व लूट भी इससे जुड़े!

सीतामढ़ी । फॉरेन करेंसी एक्सचेंज का कारोबार ठप पड़ने से कारोबारियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 11:04 PM (IST)
करेंसी एक्सचेंज कारोबारी अपराधियों के निशाने पर, नेपाली व्यवसायी की हत्या व लूट भी इससे जुड़े!
करेंसी एक्सचेंज कारोबारी अपराधियों के निशाने पर, नेपाली व्यवसायी की हत्या व लूट भी इससे जुड़े!

सीतामढ़ी । फॉरेन करेंसी एक्सचेंज का कारोबार ठप पड़ने से कारोबारियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। करेंसी एक्सचेंज के लिए भारत से नेपाल के बीच आवाजाही करने वाले कारोबारी अपराधियों के निशाने पर हैं। हाल की कई घटनाओं के तार इससे जुड़े होने की आशंका जताई गई है। शनिवार सुबह नेपाल के व्यवसायी की हत्या व लूट की वारदात के पीछे भी करेंसी कारोबार की ही आशंका जताई जा रही है। बताया जाता है कि भारत-नेपाल की करेंसी एक्सचेंज करने के लिए जितने कारोबारियों को लाइसेंस प्राप्त हैं उससे कई गुणा अधिक लोग अघोषित तरीके से इस काम में शामिल हैं। मोटे आकलन के मुताबिक प्रतिदिन 70 हजार डॉलर यानी 50 लाख रुपए एजेंसियों के जरिए प्राप्त होता है। इतनी ही धनराशि अन्य अघोषित सेंटरों से एक्सचेंज होती है। हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। भारत-नेपाल सीमा पर करेंसी एक्सचेंज करने का काउंटर नही होने से नेपाली रुपया को भारतीय रुपये में बदलने के लिए लोगों को करेंसी एक्सचेंज करने के लिए अवैध काउंटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। जहां लोगों की मजबूरी का फायदा उठा भारत नेपाल सीमा के सोनबरसा, कन्हौली, बैरगनीया व आस-पास के इलाकों में करेंसी एक्चेंज करने का काउंटर लगाकर कमीशन के रूप में काफी मोटी राशि की उगाही की जा रही है। अब राशि बदलने का कारोबार सीमाई इलाके में मुख्य धंधा बन चुका है। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी पुलिस, एसएसबी को नहीं है। संभवत: इस काउंटर पर आना सभी की मजबूरी है। भारत-नेपाल के बीच आपसी व व्यापारिक संबंध काफी गहरे हैं। दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के बाजारों पर खासा निर्भर हैं। नेपाल के सीमावर्ती बाजारों में जहां विदेशी सामान- गर्म कपड़े व सस्ते इलेक्ट्रॉनिक्स सामान सहित कई विदेशी व चायनीज सामान खरीदने भारत के लोग जाते हैं तो रोजमर्रा के सामान-कपड़ा, किराना व अन्य सामान की खरीदारी के लिए नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का एक मात्र सहारा भारत के सीमा से लगे बाजार ही हैं। ऐसे में एक-दूसरे देश के दुकानदारों, ग्राहकों व आम नागरिकों के पास भी दोनों देश की करेंसी होना आम बात है। भारतीय करेंसी का चलन नेपाल के काफी अंदर तक है। परंतु नेपाली रुपये का प्रचलन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित है। ऐसे में व्यवसायी, राहगीर, ग्राहक सभी को नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने की आवश्यकता हमेशा रहती है। अवैध करेंसी एक्सचेंज काउंटर को दबंगों, सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त होता है। करेंसी बदलने की मजबूरी का फायदा उठाकर भारत-नेपाल सीमा पर अपनी दबंगता की बदौलत एकक्षत्र राज कर रहे नेपाली-इंडियन करेंसी एक्सचेंज कारोबारी द्वारा मनमाने कमीशन पर नेपाली रुपये को भारतीय करेंसी में बदला जाता है। कई बार ऐसे लोगों के साथ लूटपाट भी होती रही है। परंतु तब उनके काउंटरों को किसी दुकान का लेवल चिपकाकर अवैध एक्सचेंज काउंटर होने के निशान तक मिटा दिए जाते हैं। भले ही इस बात की प्रमाणिकता साबित नहीं होने पाए मगर यह अघोषित रूप से सच है। ऐसे कारोबारियों के साथ जब-जब लूटपाट होती है, तब लूट की रकम को काफी कम दर्शाया जाता है। थानों में एफआइआर दर्ज होने के लिए छोटी रकम ही इंगित की जाती है। अधिकतर मामले में एफआइआर तो दूर, लूट के बाद कारोबारी चुप्पी ही साध बैठते हैं। सीमा पर ऐसे धंधेबाज अपने गुनाहों को छुपाने के लिए छोटी-मोटी दुकान खोलकर बैठ जाते हैं और उसमें करेंसी एक्सचेंज का धंधा चलाते हैं। शुक्रवार को सहियारा थाना क्षेत्र एनएच 77 पर अगले ही दिन बथनाहा थाना क्षेत्र के कमलदह चौक के समीप हुई लूटपाट की घटना भी करेंसी एक्सचेंज कारोबार से जोड़कर देखा जा रहा है।

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