कोरोना संकट ने बदला दवा बाजार का ट्रेंड, कई कारोबारियों ने होम डिलीवरी की शुरू की सुविधा

सीतामढ़ी। कोरोना संक्रमण के चलते कारोबार का ट्रेंड बदल गया है। शारीरिक दूरी का पालन व कारोबार को पटरी पर लाने के लिए व्यवसायियों ने जहां होम डिलीवरी की व्यवस्था शुरू की वहीं बाकायदा वाट्सएप ग्रुप भी बनाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:17 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:14 AM (IST)
कोरोना संकट ने बदला दवा बाजार का ट्रेंड, कई कारोबारियों ने होम डिलीवरी की शुरू की सुविधा
कोरोना संकट ने बदला दवा बाजार का ट्रेंड, कई कारोबारियों ने होम डिलीवरी की शुरू की सुविधा

सीतामढ़ी। कोरोना संक्रमण के चलते कारोबार का ट्रेंड बदल गया है। शारीरिक दूरी का पालन व कारोबार को पटरी पर लाने के लिए व्यवसायियों ने जहां होम डिलीवरी की व्यवस्था शुरू की, वहीं बाकायदा वाट्सएप ग्रुप भी बनाए। इनमें आसपास के ग्राहकों को जोड़ा। ग्राहक ग्रुप में ऑर्डर देते और व्यवसायी उनके घर तक दवा पहुंचा देते। कैश भुगतान नहीं कर सकने वालों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी। कुछ लोगों से किस्तों में भी पैसे लेकर सुविधा प्रदान की। कई कारोबारियों ने तो ई-कॉमर्स पोर्टल की शुरुआत कर होम डिलीवरी की सेवा देनी शुरू कर दी। अलग-अलग नाम से शहरी क्षेत्र में वार्ड और मोहल्ला स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप पर ग्राहक के ऑर्डर मिलने के साथ तुरंत दवा पहुंचाई। छोटे स्तर पर शुरू की गई यह व्यवस्था काफी सफल रही।

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व्यवसायियों ने पेश की मानवता की मिसाल

किरण मेडिल स्टोर मेहसौल चौक के व्यवसायी ईं. तौकीर अनवर, नवीन मेडिकल के प्रमोद खेतान, सुरेश मेडिकल स्टोर्स के प्रिस मोहता, किरण चौक के मनोज सर्जिकल के मनोज सिंह, देव मेडिकल के राजू श्रीवास्तव, मेन रोड बैरगनिया ढंढरिया स्कूल के पास के दुकानदार रामसागर जैसे कई नाम हैं जिन्होंने कोरोना काल में आम आदमी को होम डिलिवरी की सुविधा देकर बड़ी राहत पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि दवा कारोबार भी संभला और आम आदमी को बड़ी राहत भी मिली। काफी ऑर्डर मिलते हैं। कोरोना के चलते लॉकडाउन से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। अनलॉक वन में रियायत मिलने के बाद कारोबार शुरू हुआ। लेकिन सरकार के शारीरिक दूरी पालन के निर्देश को अमलीजामा पहुंचाने के लिए कारोबारियों ने वाट्सएप ग्रुप और डिजिटल पोर्टल के जरिये कारोबार को गति देने की नई व्यवस्था शुरू की है। इससे कारोबार को गति मिली है। साथ ही आसपास के बेरोजगारों को भी रोजगार का अवसर मिला। हहै।---------------------------------------------------------

कोराना काल में कम गई दवा की खपत भी

कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी ने दवा बाजार का ट्रेंड भी बदल कर रख दिया है। आजकल अस्पतालों और मेडिकल स्टोर में सामान्य दिनों में बिकने वाली एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और अन्य दवाओं की मांग अब भी कम है। उसकी जगह विटामिन सी, डी और सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार की दवा के अलावा मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर ने ले ली है। यही वजह है कि कई दवा कंपनियां सैनिटाइजर, मास्क और ग्लब्स को बनाने पर ज्यादा जोर दे रही हैं। दरअसल, जब से कोरोना का संकट शुरू हुआ है तब से बाजार में कोरोना के लक्षणों से मिलते जुलते सर्दी, जुखाम, बुखार और खांसी की दवाएं बड़ी संख्या में बिकने लगी थी। इसके अलावा लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के चक्कर में विटामिन सी और डी की दवाएं भी खूब ले रहे हैं।

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