चुनाव प्रचार में व्यक्तिगत टीका टिप्पणी से परहेज रखेंगे प्रत्याशी

सीतामढ़ी। अनुमंडल क्षेत्र के चोरौत और नानपुर प्रखंड में द्वितीय चरण के तहत 29 सितंबर को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 12:05 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 12:05 AM (IST)
चुनाव प्रचार में व्यक्तिगत टीका टिप्पणी से परहेज रखेंगे प्रत्याशी
चुनाव प्रचार में व्यक्तिगत टीका टिप्पणी से परहेज रखेंगे प्रत्याशी

सीतामढ़ी। अनुमंडल क्षेत्र के चोरौत और नानपुर प्रखंड में द्वितीय चरण के तहत 29 सितंबर को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। प्रत्याशी और उनके समर्थक मतदाताओं के समक्ष बाजी जीतने के लिए कोई कसर नही छोड़ने के मूड में दिख रहे है। लेकिन, इस बार चुनाव आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार पंचायत चुनाव में कोई भी अभ्यर्थी किसी उम्मीदवार के खिलाफ व्यक्तिगत टीका टिप्पणी नहीं कर सकते है। इतना ही वोट ध्रुवीकरण के चक्कर मे जातिगत अथवा धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले वक्तव्य देने पर भी सख्त मनाही है। धार्मिक स्थलों का प्रचार के लिए नहीं होगा उपयोग : गाइडलाइन में मंदिर, मस्जिद, मठ आदि धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं होगा। चुनाव आयोग द्वारा दिए गए गाइडलाइन का पालन करना प्रार्यशीयो के लिए अनिवार्य है। प्रचार अवधि, चुनाव से लेकर मतगणना पूरा होने तक किसी उम्मीदवार के प्रति गलत टिप्पणी, धर्म, संप्रदाय के खिलाफ कोई गलत वक्तव्य देने सहित अन्य निर्देश का उल्लंघन करना महंगा पड़ जाएगा। इतना ही नही धर्म व जाति आधारित वक्तव्य चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। राजनीतिक पार्टी के झंडे का नही होगा इस्तेमाल : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इस बार भी किसी राजनीतिक पार्टी व दलगत आधार पर नहीं हो रहा है। लिहाजा चुनाव के दौरान किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर अथवा दल का झंडा, पोस्टर, बैनर आदि के माध्यम से कोई भी प्रत्याशी चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। सरकारी कार्यालय अथवा भवन का प्रयोग चुनाव प्रचार, बैनर, पोस्टर और बैठक के लिए नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही किसी भी सरकारी उपक्रम, चहारदीवारी और भवन की दीवारों पर उम्मीदवार और उनके समर्थक चुनावी स्लोगन, पोस्टर नहीं चस्पा कर सकेंगे और न लिख सकेंगे। कोई भी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान के लिए नकद व लुभावन वस्तुओं का वितरण नहीं करेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। कुल मिलाकर अधिकारियों ने इस पर पैनी नजर रखनी शुरू भी कर दी है।

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