पहले ही प्रयास में बीपीएससी में लहराया सफलता का परचम

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी के लाल अश्विनी राज ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा गांव समाज और जिले का नाम रौशन किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 12:15 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:09 AM (IST)
पहले ही प्रयास में बीपीएससी में लहराया सफलता का परचम
पहले ही प्रयास में बीपीएससी में लहराया सफलता का परचम

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी के लाल अश्विनी राज ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा गांव, समाज और जिले का नाम रौशन किया है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 63 वीं परीक्षा में पहले ही प्रयास में अश्विनी राज ने 132वां रैंक लाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अश्विनी को लेबर इनफोर्समेंट ऑफिसर (एलईओ) की जिम्मेदारी मिली है। अश्विनी मूल रूप से जिले के बथनाहा प्रखंड के छोटे से गांव झिटकहिया के रहने वाले हैं। उनके पिता वीरेंद्र प्रसाद यादव भारतीय सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त है। वह सेवानिवृत सैनिकों के संगठन वेटरंस इंडिया सीतामढ़ी के मेहसौल पंचायत इकाई के संयोजक है। जबकि, मां रीता देवी आंगनबाड़ी सेविका है। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े अश्विनी राज ने दसवीं की पढ़ाई विद्या भारती स्कूल सीतामढ़ी से की। जवाहर नवोदय विद्यालय से प्लस टू की पढ़ाई के बाद पटना स्थित टीपीएस कॉलेज से स्नातक (गणित ऑनर्स) की शिक्षा हासिल की। उन्होंने पटना में रह कर बीपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। मोबाइल पर बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया। वहीं बताया कि उनका लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर आईएएस बन कर देश और समाज की सेवा करना है। उधर, वेटरंस इंडिया सीतामढ़ी के अध्यक्ष अनिल कुमार से अश्विनी राज की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। साथ ही संघ की ओर से अश्विनी और उनके माता-पिता को बधाई दी है।

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