बाइक एजेंसी के मुंशी से 17 लाख लूटकांड में आज हो सकता उद्भेदन, आठ लोग हिरासत में
सीतामढ़ी। मेजरगंज बाइक एजेंसी के मुंशी ललन सिंह से 17 लाख रुपये लूट के मामले में पुलिस का क
सीतामढ़ी। मेजरगंज बाइक एजेंसी के मुंशी ललन सिंह से 17 लाख रुपये लूट के मामले में पुलिस का कहना है कि वह इस केस के उदभेदन तक पहुंच चुकी है। अब तक आठ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। सभी अभी पुलिस की कस्टडी में ही हैं। उनसे लगातार पूछताछ चल रही है। इस बीच पुलिस के सूत्रों ने मंगलवार शाम यह भी सूचना दी कि पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर 5.50 लाख रुपये कैश बरामद भी हो गए हैं। हालांकि, रिकवरी एमाउंट के बारे में पुलिस के आधिकारिक सूत्र ने स्पष्ट तौर पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा कि जो कुछ पैसे बरामद हुए भी हैं तो उसके बारे में यह कहना जल्दबाजी होगा कि वह उसी लूट की रकम है। उस अधिकारी ने यह जरूर कहा कि इस लूटकांड का करीब-करीब उदभेदन हो चुका है। बुधवार को एसपी के स्तर पर अधिकारिक तौर पर इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने की बात उन्होंने कही। एसपी हर किशोर राय ने मुख्यालय डीएसपी पीएन साहू के नेतृत्व में इस लूटकांड के उदभेदन के लिए पुलिस अफसरों की टीम गठित की है। इस टीम ने घटना के मंगलवार को पुनौरा थाना के रंजीतपुर गांव से एक व घटना स्थल के आसपास के गांवों से दो लोगों समेत अब तक कुल आठ लोगों को संदेह के आधार पर जगह-जगह से हिरासत में लिया है। बता दें कि रविवार दोपहर सीतामढ़ी-रीगा रोड में पुनौरा थाना क्षेत्र के खौरवा गांव स्थित एक निजी स्कूल के समीप मेजरगंज हीरो एजेंसी के मुंशी ललन सिंह के हाथ से पैसा से भरा बैग लूट लिया। एजेंसी के मालिक कुंदन सिंह ने दैनिक जागरण को फोन पर जानकारी दी थी कि लॉकडाउन टूटने के इंतजार में वह पैसा जमा नहीं कर पा रहे थे। जब 15 मई को लॉकडाउन फिर बढ़ गया तो उन्होंने पैसा पार्टी को देने के लिए मंगवाया। कुंदन ने बताया कि उनका मेजरगंज व ढेंग में एजेंसी है। वाहनों की बिक्री का पैसा पार्टी का बकाया था वह भेजना जरूरी था। यहीं देखकर रविवार को अपने स्टाफ को पैसा लाने के लिए चाबी देकर सीतामढ़ी में अपने घर पर भेजा। मेजरगंज व ढेंग का इलाका लूटपाट व आपराधिक घटना के लिए चर्चित है इसलिए पैसे को सुरक्षित जगह पर छुपाकर रखना पड़ता है। वह स्टाफ बुलेट मोटरसाइकिल से बैग में पैसे लेकर आ रहा था। उस स्टाफ को पुलिस गश्ती दल कहीं नहीं मिला और न ही पुलिस ने उसको रोका-टोका। लॉकडाउन में रोड पर पुलिस रहती तो मुंशी को देखकर जरूर रोकटोक करती तो शायद पैसे के बारे में जानकर वह सुरक्षा भी देती।