एसडीएम व एएसपी बने शिक्षक, दिया सफलता का मंत्र
सीतामढ़ी। पुपरी अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्रोजेक्ट बालिका प्लस टू में रविवार को नजारा जरा हटकर
सीतामढ़ी। पुपरी अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्रोजेक्ट बालिका प्लस टू में रविवार को नजारा जरा हटकर था। वहां एसडीएम नवीन कुमार और एएसपी प्रमोद कुमार यादव ने शिक्षक के रूप में पढ़ाया। अधिकारियों को पढ़ाने के तरीके से छात्राओं पर जादू चल गया। शुरुआत में जो छात्राएं सहम-सहम कर बोल रही थीं, वो थोड़ी देर में ही इतनी फ्रेंडली हो गईं कि सारी परेशानी-उलझनें दोनों साहब के सामने साझा कर दीं। दोनों अधिकारी ठीक 11.42 बजे ही विद्यालय पहुंच गए। वे सीधे बहुमंजिला छात्रावास के हॉल पहुंचे। जहां छुट्टी के दिन उनके विशेष वर्ग संचालन में पूर्व से मौजूद 12वीं की छात्राओं ने गुड मॉर्निंग सर कहकर स्वागत किया। क्लास में सिलेबस से लेकर सफलता पर रहा फोकस : वर्ग में शिक्षक बनकर पहुंचे एएसपी ने सबसे पहले विभिन्न विषयों पर छात्राओं के ज्ञान को परखा। इसके बाद उन्होंने हिदी की किताब दिगंत से कवि मलिक मोहम्मद जायसी के जीवनी को लिखने के टिप्स बताए। इसके बाद उन्होंने सूरदास की भक्ति व वात्सल्य भाव का जिक्र करते हुए पढ़ाई में भी उनकी इसी भक्ति-भाव समाहित रखने की जरूरत बताया। जगदीश चंद्र माथुर व जे कृष्ण मूर्ति की कहानी से लेकर चंपारण टॉपिक पर महात्मा गांधी का जिक्र किया। इसके अलावा इतिहास बिषय के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की जानकारी दी। इस तरह उन्होंने एग्जाम की सफलता को लेकर बहुत सारे टिप्स दिए। एसडीएम ने भी एक शिक्षक की तरह समझा कर सफलता का मंत्र दिया। उन्होंने इतिहास, हिदी के अलावा भूगोल बिषय की क्लास ली। इस दौरान अक्षांश-देशांतर, परिक्रमण व घूर्णन से लेकर मानसून, ठंड व गर्मी होने के कारण, दिन-रात आदि टॉपिक पर न सिर्फ जानकारी दी। बल्कि ब्लैक बोर्ड पर समझाया भी। छात्राओं के सवाल का निचोड़ जवाब मिला : क्लास में छत्राओं ने विषयों से संबंधित कई प्रश्नों के जवाब भी पूछा। छात्रा रोजी परवीन ने सन 1857 की क्रांति के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। जिस पर अधिकारियों ने समझाकर संतुष्ट किया। छात्रा रुपाली कुमारी के हरित क्रांति के सवाल को बारीकी से समझाया। इसी बीच अधिकारियों ने कई छात्राओं के ज्ञान को भी परखा। सामने पहली बेंच की बीच वाली सीट पर किताब रखकर बैठी छात्रा नंदनी के पास पहुंचे। कहा कि ब्लैक बोर्ड पर भारत का नक्शा बनाएं। नक्शा बनाते समय मिस करती लाइन को खुद मार्कर पकड़ ठीक किया। लेकिन, नंदनी को अधिकारियों के भूल सुधार के तरीके और हिम्मत दे गई। इस दौरान पांच नदियों वाले राज्य पंजाब की बाबत संबंधित नदियों के नाम पूछे जाने पर छत्राओं की चुप्पी भांप अधिकारियों ने खुद जवाब देकर संकोच को दूर भी किया। ..और शायरी में छुपे संदेश छोड़ लौट गए अधिकारी
पुपरी, संस : .. और शायरी में छुपे संदेश छोड़ लौट गए। एसडीएम और एएसपी ने क्लास बाद छात्राओं को शाबाशी दी और मुखातिब हुए। बोले- मन लगाकर पढऩा है। सबसे पहले लक्ष्य तय करना है और फिर उसे पाने के लिए जुट जाना है। जिदगी में परेशानियां आएंगी, मगर पढ़ाई नहीं छोड़नी है। सफलता के लिए नई चीजों को सीखने की कोशिश करने पर जोर दिया। किसी भी परिस्थिति में नहीं घबराने, अच्छे से एग्जाम की तैयारी करने और आगे भी पढ़ाई जारी रखने को कहा। एसडीएम ने लड़के की तुलना में लड़कियों के शिक्षा के प्रति ललक को देख आने वाला समय बेटियों के लिए होने की बात कह फिर दोबारा आने का भरोसा देते छत्राओं को खुद को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है जैसी शायरी बोल जीवन मे आगे बढ़ने का मंत्र दिया। जबकि एएसपी ने गोपाल दास नीरज की कविता खुशबू सी आ रही है इधर •ाफ़रान की, खिड़की खुली है गालिबन उनके मकान की। हारे हुए परिन्दे जरा उड़ के देख तो, आ जाएगी जमीन पे छत आसमान की। बोल छत्राओं को प्रोत्साहित किया।