भगवान श्री परशुराम की श्रद्धापूर्वक की गई पूजा अर्चना
सीतामढ़ी। परशुराम सेना की ओर से शुक्रवार को बथनाहा के सिगरहिया गांव के महादेव मंदिर
सीतामढ़ी। परशुराम सेना की ओर से शुक्रवार को बथनाहा के सिगरहिया गांव के महादेव मंदिर के प्रांगण में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए कुलगुरु भगवान परशुराम जी के जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष रौशन कुमार झा बिट्टू ने की। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम को सफलता, शक्ति, शौर्य एवं सत्कार के देवता के रूप में पूजा जाता है क्योंकि भगवान परशुराम शौर्य एवं मर्यादा के प्रतीक हैं। भगवान परशुराम का जन्म वैशाख शुक्ल पक्ष अक्षय तृतीया के दिन जमदग्नि ऋषि एवं रेणुका के पुत्र के रूप में हुआ था। भगवान परशुराम हमेशा समाज के उस लोगों के खिलाफ लारा जो अधर्म के रास्ते पर थे और धर्म की स्थापना के लिए उन्होंने यह प्रण लिया था कि अधर्म के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है। मौके पर परशुराम सेना के कोषाध्यक्ष महंत बाल कृष्ण दास ने बताया कि भगवान परशुराम सिर्फ नाम नहीं एक संदेश है एक विचारधारा है जिस विचारधारा और संदेश को पालन करने वाला कभी भी अधर्म के रास्ते पर नहीं चल सकता। कार्यकारिणी सदस्य जितेश झा ने बताया कि भगवान परशुराम हमेशा समाजहित व राष्ट्रहित का कार्य करते थे। कार्यक्रम में राकेश झा , जितेश झा , शुभम झा राजवंश,महंत बाल कृष्ण दास हिमांशु झा राहुल पाठक, गौतम झा, अमन मिश्रा, विक्रम सिंह, राजन भ्रातद्वाज, उत्तम झा, अर्जुन झा चीकू, विक्की सिंह, संकेत झा, नीरज मिश्रा, अमित सिंह, मुकेश साह, संतोष मिश्रा, सोनू आचार्य समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे। समाजवादी विचार मंच ने मनाई वर्चुअल परशुराम जयंती सीतामढ़ी। भगवान विष्णु के छठे अवतार परम प्रतापी भगवान परशुराम किसी जाति या समाज के विरोधी नहीं थे। ये बाते समाजवादी विचार मंच के अध्यक्ष रीतेश कुमार गुड्डू ने भगवान् परशुराम की जयंती के अवसर पर कही। रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि एक धारणा कि भगवान् परशुराम क्षत्रिय विरोधी थे बिल्कुल गलत है। वेद पुराणों रामायण महाभारत में स्पष्ट वर्णित है कि भगवान परशुराम के शिष्य क्षत्रिय ही होते थे। अगर भगवान् परशुराम क्षत्रिय विरोधी होते तो क्षत्रियों को अपना शिष्य नहीं बनाते। भगवान् परशुराम से हमें शस्त्र और शास्त्र दोनों विधा में समाज और देश की रक्षा के लिए पारंगत होने की प्रेरणा मिलती है। भगवान् परशुराम जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण महासभा सीतामढ़ी के अध्यक्ष सुधीर कुमार द्विवेदी ने वर्चुअल माध्यम से अध्यक्षता करते हुए कहा कि समाज के युवा वर्ग को भगवान् परशुराम के बताए मार्ग पर चलकर भयमुक्त समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाने की जरूरत है। इस वर्चुअल संवाद में नवल किशोर झा, संतोष कुमार झा, राम मनोहर झा, रोहित कुमार मिश्रा, राजेश कुमार झा, विजय कुमार गिरी,शंकर गिरी,रत्नेश्वर मिश्रा, प्रभात कुमार मिश्रा ने भी अपना विचार व्यक्त किया।