जिले के 351 नलकूपों में 129 बंद, खेतों की सिंचाई बाधित

सीतामढ़ी। खेतों में रबी फसल लहलहा रही है लेकिन कम खर्च में सिचाई उपलब्ध कराने के उद्देश्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 12:04 AM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 12:04 AM (IST)
जिले के 351 नलकूपों में 129 बंद, खेतों की सिंचाई बाधित
जिले के 351 नलकूपों में 129 बंद, खेतों की सिंचाई बाधित

सीतामढ़ी। खेतों में रबी फसल लहलहा रही है, लेकिन कम खर्च में सिचाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित राजकीय नलकूप नकारा ही साबित हो रहे हैं। कहीं बिजली के कारण तो कहीं पटवन के लिए नाला नहीं रहने के कारण राजकीय नलकूप बंद हैं। ज्यादातर नलकूप ऑपरेटर के नहीं रहने से बंद हैं।

बहरहाल, जिले में कुल 351 नलकूपों में 129 नलकूप बंद पड़े हैं। इससे किसानों को निजी नलकूपों से अधिक राशि देकर खेत की सिचाई करनी पड़ रही है। सीतामढ़ी के पूर्व विधायक सुनील कुमार कुशवाहा का कहना है कि राजकीय नलकूपों को चालू कराने की मांग वर्षों से होती रही है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। किसान नेता प्रो. आनंद किशोर ने कहा कि राजकीय नलकूपों के चालू नहीं रहने से किसान निजी नलकूपों के भरोसे सिचाई कराने को विवश हैं। इससे उनको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सभी प्रखंडों में नलकूपों का बुरा हाल

जिले में चार चरणों में राजकीय नलकूप लगाए गए थे। सबसे पहले 177 नलकूप चालू हुए। इन नलकूपों में वर्तमान में 116 चालू हैं। 61 बंद हैं। इसके बाद फेज तीन के तहत दस नलकूप लगे जिनमें दो चालू और आठ बंद हैं। इसी प्रकार फेज 8 में लगाए गए 60 नलकूपों में 43 चालू व 17 बंद हैं। फेज 11 में लगाए104 नलकूपों में 61 चालू और 43 बंद हैं। चारों फेज में कुल 351 नलकूपों में 298 में विद्युत आपूर्ति बहाल है। अब तक 53 को बिजली नहीं पहुंच सकी है। बंद पड़े 129 नलकूपों में 49 बिजली के कारण, एक यांत्रिक कारण से, 16 दोनों कारणों से व 63 अन्य कारणों से ठप बताए जाते हैं। डुमरा प्रखंड में फेज 11 में 5 नलकूप लगाए गए हैं। चोरौत प्रखंड विभागीय सूची से ही गायब है।

इधर, रुन्नीसैदपुर में 26 नलकूप लगे हैं तो बथनाहा में 21, बोखड़ा में छह, बाजपट्टी में 31, बैरगनिया दो, बेलसंड 15, मेजरगंज 19, परिहार 32, परसौनी 14, पुपरी 12, रीगा 30, सोनबरसा 41, सुप्पी 22, सुरसंड 11 व नानपुर प्रखंड में कुल 18 नलकूप हैं। कोट

नलकूपों को चालू कराने और सिचाई की समुचित व्यवस्था के आदेश संबंधित विभाग को दिए गए हैं। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इसकी मॉनीटरिग कर रहे हैं। जहां कहीं समस्या है, उसे तत्काल दूर कर सिचाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के आदेश दिए गए हैं।

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