बिना मास्क व दो गज दूरी के दुकानों पर ग्राहक और वाहनों पर ठेलमठेल यात्री

सीतामढ़ी। सुदूर ग्रामीण इलाका भी कोरोना की जद में आ चुका है। गांव से लेकर अस्पताल तक अफर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 11:44 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 11:44 PM (IST)
बिना मास्क व दो गज दूरी के दुकानों पर ग्राहक और वाहनों पर ठेलमठेल यात्री
बिना मास्क व दो गज दूरी के दुकानों पर ग्राहक और वाहनों पर ठेलमठेल यात्री

सीतामढ़ी। सुदूर ग्रामीण इलाका भी कोरोना की जद में आ चुका है। गांव से लेकर अस्पताल तक अफरातफरी मची है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन व पाबंदियों को मानने के लिए लोग तैयार नहीं हैं। बगैर मास्क के बाजार में खरीदारी करने वालों की कमी नहीं है। बसों के साथ साथ ऑटो में बैठे क्षमता से अधिक पैसेंजर स्वयं के साथ -साथ दूसरों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। बस पड़ाव व सब्जी मंडी में लगी भीड़ सर्वाधिक है। महज 200 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी होने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई सख्ती नहीं है। बीडीओ धनंजय कुमार के अनुसार सब कुछ ठीक-ठाक है ।हालांकि ,जिले के इंट्री प्वाइंट पर जांच की व्यवस्था के सवाल पर कहते हैं कि जांच की व्यवस्था एक हीं जगह स्थानीय सीएचसी में ही है। वहां भी जांच कराने वाले नहीं पहुंच रहे हैं। उन्हें जांच कराने में भय है कि पॉजिटिव आने पर उन्हें डेडिकेटेड कोविड सेंटर न भेज दिया जाए। यहां दावे अधिक, हकीकत कम

रैपिड एंटीजन टेस्ट व आरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आए कोरोना मरीजों की जानकारी लेने के लिए सोमवार को स्थानीय सीएचसी में कोविड कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमृत किशोर द्वारा कंट्रोल रूम का नंबर 8544421870 जारी किया गया है। इस कंट्रोल रूम का काम संक्रमितों की जानकारी इकट्ठा करना व इलाज में उनकी समुचित चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा गंभीर स्थिति वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड सेंटर तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी है। तमाम व्यवस्था व दावों के बीच यहां सब कुछ आउट ऑफ कंट्रोल नजर आता है। व्यवस्था के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूरी कह सकते हैं। स्थिति सुधरने की बजाए बिगड़ रही है। कोरोना जांच को लेकर लोग अब भी गंभीर नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो सीएचसी में प्रतिदिन के टेस्ट का आंकड़ा औसतन 60 तक है। अन्य प्रदेशों से बसों से आने वाले मुसाफिरों की न तो टेस्टिग होती है और नहीं ट्रेसिग। नतीजतन, संक्रमितों का आंकड़ा वास्तविकता से कोसों दूर है।

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