डॉ. वरुण के नर्सिंग होम में भर्ती कातिब नंदकिशोर को देखने अनिल भी पहुंच गया

सीतामढ़ी । जेल जाने से पहले पुलिस को दिए बयान में अनिल ने कहा कि रामजी राय तिहाड़ जेल में बंद विकास झा उर्फ कालिया से वाट्सएप कॉलिग व जीतेश झा के माध्यम से संपर्क कर हत्या कराने के लिए बोला।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:35 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:35 PM (IST)
डॉ. वरुण के नर्सिंग होम में भर्ती कातिब नंदकिशोर को देखने अनिल भी पहुंच गया
डॉ. वरुण के नर्सिंग होम में भर्ती कातिब नंदकिशोर को देखने अनिल भी पहुंच गया

सीतामढ़ी । जेल जाने से पहले पुलिस को दिए बयान में अनिल ने कहा कि रामजी राय तिहाड़ जेल में बंद विकास झा उर्फ कालिया से वाट्सएप कॉलिग व जीतेश झा के माध्यम से संपर्क कर हत्या कराने के लिए बोला। विकास झा उर्फ कालिया शूटर उपलब्ध कराने के लिए तैयार हो गया। इस योजना के तहत मुझे रामजी राय के द्वारा करीब दो-तीन सप्ताह पहले बोला गया कि दो लड़के अपाची मोटरसाइकिल से सुबह-सुबह वीटू मॉल के पास आएंगे। उनको जब नंदकिशोर राय सुबह में मॉर्निंग वाक के लिए निकलेंगे तो पहचान करवा देना। इसके बाद मैं अपनी हीरो हांडा ग्लैमर मोटरसाइकिल (बीआर30एल/ 7022) से एक दिन सुबह में दोनों लड़कों को नंदकिशोर राय को मॉर्निंग वाक के समय पहचान करवाकर चला गया। दो जून को रामजी राय के द्वारा दो पिस्टल एवं गोली देते हुए बोला गया कि इसे बथनाहा थाने के माधोपुर गांव के शुभेष कुमार झा को पहुंचा देना है। इसी हथियार से कल सुबह-सुबह शुभेष कुमार झा अपने दो साथियों दिव्यांश कुमार एवं शुभम कुमार के साथ मॉर्निंग वाक के समय नंदकिशोर राय की गोली मारकर हत्या कर देगा। उसके बाद वह जमीन हम लोगों की हो जाएगी और कोई विरोध करने वाला नहीं रहेगा। तब मैं उस हथियार व गोली को ले जाकर शुभेष कुमार झा को दे दिया। अगले दिन सुबह-सुबह पता चला कि डुमरा थाना अंतर्गत पशुपालन कार्यालय के उत्तर वाले रोड में नंदकिशोर राय को गोली मार दी गई है। उसका इलाज कराने के लिए डॉ. वरुण के पास उसके परिजन ले गए हैं। गोली मारने के कुछ समय बाद शुभेष कुमार झा, दिव्यांश कुमार एवं शुभम कुमार रामजी राय के घर पहुंचे। मैं भी वहीं पर पहले से ही पहुंचा हुआ था। वहीं पर तीनों अपने कपड़े बदलकर अपने-अपने घर के लिए निकल गए। किसी को कोई संदेह नहीं हो इसीलिए मैं नंदकिशोर राय को देखने के लिए डॉ. वरुण कुमार के अस्पताल में भी गया था। उसी दिन शाम को मुझे पता चला कि नंदकिशोर राय की मृत्यु हो गई है। तब मैं व पुट्टू खां, रामजी राय के घर देररात पहुंचे। वहीं पर खाना-पीना हुआ और खुशी मनाया गया। उसी जगह बैठे थे तो देखे कि जो कपड़े उन तीनों लड़कों के द्वारा रामजी राय के घर पर घटना के बाद आकर खोलकर रखे हुए थे, वहीं पर पड़े थे। उस कपड़े को डुमरा पुलिस ने बरामद किया। घटना में प्रयुक्त दो गोली के खोखे भी उन्हीं पैंट से मिले।

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अनिल कुमार एवं कृष्णा बिहारी का था दखल-कब्जा : अनिल का कहना है कि वैद्यनाथ प्रसाद राजी हो गए लेकिन, वह बोले कि अभी वर्तमान में दखल-कब्जा अनिल कुमार एवं कृष्णा बिहारी का चला आ रहा है। उससे आपको बात करनी होगी। चूंकि जमीन में पैसा नंदकिशोर राय एवं पुट्टू खां के द्वारा लगाया गया था तो ये लोग जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। जमीन छोड़ने के लिए नंदकिशोर राय एवं कृष्ण बिहारी राय को तैयार करने के लिए सुवंश राय ने मुझे और रामजी राय को भी बोला। इसके लिए तैयार होने पर मुनाफा में से 20 फीसद हम लोगों को भी देने के लिए वादा किया। तब हम लोग भी नंदकिशोर एवं कृष्णा बिहारी राय को समझाने का प्रयास किए। परंतु वह नहीं माने। इसलिए सुवंश राय के द्वारा 2020 के मार्च में मेरे अलावा एवं विजेंद्र यादव (पैक्स अध्यक्ष बुनियादी टोला, थाना रीगा), रजनीश यादव जाप नेता (जनार थाना रुन्नीसैदपुर) से बात की गई। जब एक-दो महीना के बाद भी नंदकिशोर राय उस जमीन को देने के लिए तैयार नहीं हुए तो पुट्टू खां, सुवंश राय एवं जीतेश झा द्वारा रामजी राय को 10 लाख रुपये में नंदकिशोर राय की हत्या कराने का ठेका दिया गया।

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