सीतामढ़ी समेत सूबे के सभी सीएस तलब

पटना हाईकोर्ट के आदेश व स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बावजूद अनाधिकृत रूप से संचालित पैथोलॉजी केंद्र और डायग्नोस्टिक केंद्र को सील करने के प्रति बरती गई लापरवाही को लेकर सीतामढ़ी समेत सूबे के सभी 3

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 11:35 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 12:57 AM (IST)
सीतामढ़ी समेत सूबे के सभी सीएस तलब
सीतामढ़ी समेत सूबे के सभी सीएस तलब

सीतामढ़ी। पटना हाईकोर्ट के आदेश व स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बावजूद अनाधिकृत रूप से संचालित पैथोलॉजी केंद्र और डायग्नोस्टिक केंद्र को सील करने के प्रति बरती गई लापरवाही को लेकर सीतामढ़ी समेत सूबे के सभी 38 जिलों के सिविल सर्जन को स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव राजीव कुमार ने तलब किया है। इसे हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना, अपने स्वेच्छारिता व वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करार देते हुए सभी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई संचालित किए जाने की अनुशंसा करने की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। अपर सचिव ने 24 सितंबर को जारी पत्र में सभी सिविल सर्जन को उनके जिले में अनाधिकृत रूप से गैर मानक के संचालित पैथोलॉजी केंद्र और डायग्नोस्टिक केंद्र को सील करते हुए उसकी सूची विशेष दूत के माध्यम से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में सरकार के अपर सचिव राजीव कुमार ने पत्र में पटना हाइकोर्ट में इंडियन एसोसिएशन आफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रो बायोलॉजिस्ट बिहार चैप्टर बनाम बिहार राज्य एवं अन्य सीडब्ल्यूजेसी संख्या 22444/14 का हवाला दिया है। कहा है कि विभागीय पत्रांक 1621 (18) 31 अगस्त 2018 तथा पत्रांक 1719 (18) 13 सितंबर 2018 को पत्र भेजा गया था। इसमें पटना हाईकोर्ट द्वारा 30 अगस्त को जारी आदेश, जिसमें हाईकोर्ट ने अनाधिकृत रूप से गैर मानक के संचालित पैथोलॉजी केंद्र व डायग्नोस्टिक केंद्र को बंद कराने का आदेश दिया था। पत्र में बंद किए गए पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक केंद्र की सूची विभाग को भेजने का आदेश दिया गया था। इनमें कुछ सीएस ने कार्रवाई जारी रहने का प्रतिवेदन दिया था तो कुछ ने अवैध संस्थानों में ताला बंद रहने की जानकारी दी थी। कुछ सीएस ने संस्थानों को बंद करवाने का प्रतिवेदन भेजा और कहा कि कार्रवाई जारी है। लेकिन किसी भी सीएस ने स्पष्ट रूप से यह प्रतिवेदन नहीं भेजा की अनाधिकृत रूप से संचालित किस पैथोलॉजी या डायग्नोस्टिक सेंटर को सील किया, बंद कराया या बंद करवाया। सचिव ने इसे हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना, अपने स्वेच्छारिता तथा वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करार देते हुए सभी सीएस के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा करने की चेतावनी दी है, वहीं स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा है।

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अपर सचिव के आदेश से हड़कंप

सीतामढ़ी : जिले में अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ कार्रवाई के सरकार के अपर सचिव के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं अवैध जांच घर संचालकों में भी अफरातफरी है। अब जबकि इस मामले में सीएस पर नकेल कसा गया है, लिहाजा सीएस ने जांच घरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि पटना हाईकोर्ट व सरकार के अपर सचिव के आदेश के आलोक में अगर अवैध पैथेलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ कार्रवाई होती है तो 90 फीसद संस्थान बंद हो जाएंगे।

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यह है मामला ::

बताते चलें कि जिले में अवैध रूप से सैकड़ों जांच घर चल रहे हैं। जहां न तो मानक का पालन किया जाता है और नहीं विशेषज्ञ चिकित्सक व कर्मी हैं। जांच घरों के फैले जाल पर नकेल के लिए प्रशासनिक स्तर पर कभी-कभी कार्रवाई होती रही है। लेकिन एकाध जांच घर की जांच के बाद अभियान दम तोड़ जाता रहा है। इसी बीच मामला पटना हाईकोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सूबे के सभी जिलों में संचालित अवैध पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक केंद्र को 10 सितंबर तक बंद करने का आदेश सीएस को दिया था। सरकार के सचिव संजय कुमार ने इस आशय का पत्र डीएम व सीएस को भी भेजा था। इसके आलोक में कुछ इलाकों में छापेमारी हुई। लेकिन, अधिकांश इलाकों में कागजी खानापूर्ति की गई थी।

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