सोशल मीडिया पर चुनावी गतिविधियों की मॉनीटरिग करेगा प्रशासन, मनमानी पर होगी कार्रवाई

कोरोना संकटकाल में विधानसभा चुनाव के लिए ऑनलाइन चुनावी गतिविधियों के मद्देनजर प्रशासन उसकी मॉनीटरिग करेगा और किसी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर सीधी कार्रवाई भी करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 12:39 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 05:12 AM (IST)
सोशल मीडिया पर चुनावी गतिविधियों की मॉनीटरिग करेगा प्रशासन, मनमानी पर होगी कार्रवाई
सोशल मीडिया पर चुनावी गतिविधियों की मॉनीटरिग करेगा प्रशासन, मनमानी पर होगी कार्रवाई

सीतामढ़ी । कोरोना संकटकाल में विधानसभा चुनाव के लिए ऑनलाइन चुनावी गतिविधियों के मद्देनजर प्रशासन उसकी मॉनीटरिग करेगा और किसी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर सीधी कार्रवाई भी करेगा। प्रशासन ने इसकी मॉनीटरिग के लिए मंगलवार को मॉनीटरिग कक्ष का उदघाटन किया। सूचना भवन में मीडिया एंड एमसीएमसी कोषांग के तहत डीडीसी तरनजोत सिंह ने इसका शुभारंभ किया। मौके पर डीपीआरओ परिमल कुमार भी मौजूद थे। डीपीआरओ ही जिला एमसीएमसी कमेटी के नोडल पदाधिकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी होंगे। यह कक्ष 24 घंटे कार्य करेगा। इस में तीन टीवी सेट डिश कनेक्शन के साथ लगाए गए हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया की मॉनीटरिग के लिए लैपटॉप के साथ टीम एक्टिव रहेगी। तीन शिफ्ट में अलग-अलग टीम कार्य करेगी। खबरो, विज्ञापनों, पेड न्यूज आदि पर नजर रखेगी। आवश्यकता पड़ने पर उसकी रिकॉर्डिंग कर वरीय अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई हेतू सूचित करेगी।

सोशल मीडिया एक्सपर्ट भी करेंगे मदद प्रशासन को

गौरतलब हो कि बिहार विधानसभा निर्वाचन 2020 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया /सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा- वाट्सएप न्यूज ग्रुप, फेसबुक पेज, न्यूज पोर्टल, केबल टीवी, यू-ट्ब चैनल पर नजर रखने के लिए एमसीएमसी कमेटी मुस्तैदी से कार्य करना प्रारंभ कर चुकी है। इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया को स्कैनिग करने हेतु एमसीएमसी कमेटी को सहयोग करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया एक्सपर्ट भी रहेंगे। सोशल मीडिया एवं इंटरनेट मैसेंजर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन के आगमन से बड़े स्तर पर संचार में सुविधा हो रही है परंतु उपयुक्त प्लेटफार्म का निर्वाचनों की अवधि के दौरान पेड़ न्यूज, फेक न्यूज, गलत सूचना और मिथ्या सूचना के लिए दुरुपयोग करने पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी। निर्वाचन प्रचार अभियान से संबंधित विधिक उपबंध सोशल मीडिया पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसे मीडिया के अन्य रूपों पर लागू होते हैं। गलत सूचना ,हेट स्पीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, जाति ,धर्म ,वर्ग, भाषा के आधार पर प्रचार- प्रचार कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना जाएगा। एमसीएमसी कमिटी इन बिदुओं के आलोक में फेक और पेड़ न्यू•ा के प्रसारण /प्रकाशन पर गहरी नजर रखेगी। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक/ सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्ण प्रमाणीकरण एमसीएमसी के माध्यम से कराना भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा। यह स्पष्ट है कि कोई न्यू•ा यदि पेड़ न्यू•ा साबित होता है तो कमेटी की अनुशंसा पर आर0ओ द्वारा अग्रेतर करवाई हेतु संबंधित को नोटिस किया जाएगा। साथ ही पेड न्यू•ा साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (ज) के उल्लंघन के लिए प्रकाशन के अभियोजन हेतु कार्रवाई भी की जा सकती है। विभिन्न चैनलों, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथा- फेसबुक पेज, पोर्टल ,व्हाट्सएप एप्स न्यू•ा ग्रुप , यूट्यूब चैनल, केबल टीवी एफएम रेडियो, सिनेमा हॉल इत्यादि पर पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन के प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी कमेटी से पूर्व प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। पोस्टर ,पंपलेट, हैंडविल उक्त प्रचार सामग्री पर ''प्रकाशित प्रति की संख्या'' एवं मुद्रक का नाम स्पष्टत अंकित होना चाहिए जो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(क) के अंतर्गत अपेक्षित है। प्रत्येक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन के समय अपना ईमेल आईडी के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट की विस्तृत जानकारी प्रारूप 26 में शपथ पत्र दाखिल करते समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।-

इस अवसर पर डीपीआरओ परिमल कुमार,अपर अनुमंडल पदाधिकारी रोचना माद्री,एसडीसी अविनाश कुमार सहित कई कर्मी एवम मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सूचना भवन में मीडिया एवं सोशल मीडिया मॉनीटरिग कक्ष का उद्घाटन करते डीडीसी तरनजोत सिंह। साथ में डीपीआरओ परिमल कुमार।

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