श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन संकल्पित
कोरोना महामारी संकटकाल में बाहर के प्रदेशों से आए सभी श्रमिक भाईयों को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन संकल्पित है।
सीतामढ़ी। कोरोना महामारी संकटकाल में बाहर के प्रदेशों से आए सभी श्रमिक भाईयों को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन संकल्पित है। नवप्रवर्तन योजना, क्लस्टर योजना, मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली सहित केंद्र एवं राज्य सरकार की कई योजनाओं के तहत आप सभी को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने डीआरसीसी में प्रवासी श्रमिकों के साथ आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि आप लोगो के लिए डीआरसीसी में डिस्ट्रिक्ट लेवल काउंसिलिग सेंटर बनाया गया है। इच्छुक श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पंजीकृत श्रमिकों को इस सेंटर में उनके रोजगार को लेकर उन्हें परामर्श भी दिया जाएगा। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर उनके कौशल के हिसाब से उन्हें रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत भी प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि लगभग 29 हजार श्रमिकों का स्किल सर्वे किया गया है। आज 211 श्रमिकों ने डीआरसीसी में अपना पंजीकरण करवाया। इनमें अधिकतर रेडिमेड गारमेंट्स, सिलाई, कढ़ाई आदि में दक्ष हैं। कलाम हुसैन, सफी अहमद, मोहम्द चांद, नूर मोहम्मद आदि काफी खुश नजर आ रहे थे। डीएम ने बताया कि खलीलुजमा सूरत में रेडिमेड गारमेंट्स फैक्ट्री में जेनरल मैनेजर थे। अब गांव में ही लोगों को अपने अनुभवों का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उनका कहना है कि मैं अपना अनुभव एवं कौशल का उपयोग अब अपने ही जिले में करेंगे। उन्हें क्लस्टर में भी शामिल किया गया है। खलीलुजमा का कहना है कि अपनों के बीच अपने ही घर में काम करना काफी अच्छा लगेगा।उन्होंने कहा कि अब हमारा हुनर अपने ही राज्य के विकास में काम आएगा, इससे हमलोगों को खुशी के साथ गर्व भी होगा। मौके पर डीडीसी प्रभात कुमार,निदेशक डीआरडीए, मुमुक्ष चौधरी, डीपीआरओ परिमल कुमार, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, जिला नियोजन पदाधिकारी, रजिया इदरीसी, प्रबंधक डीआरसीसी पूनम पाल सहित कई अधिकारी एवम काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक उपस्थित थे।
--------