माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मातृभाषा के रूप में हो उर्दू की पढ़ाई

सीतामढ़ी। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमर मिसबाही ने राज्य के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उर्दू को मातृभाषा के रूप में पढ़ाने एवं हिदी व अंग्रेजी की तरह उर्दू के लिए भी एक शिक्षक नियुक्त करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 12:28 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 12:28 AM (IST)
माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में  मातृभाषा के रूप में हो उर्दू की पढ़ाई
माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मातृभाषा के रूप में हो उर्दू की पढ़ाई

सीतामढ़ी। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमर मिसबाही ने राज्य के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उर्दू को मातृभाषा के रूप में पढ़ाने एवं हिदी व अंग्रेजी की तरह उर्दू के लिए भी एक शिक्षक नियुक्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उर्दू बिहार की द्वितीय राजभाषा है। इसके विकास के लिए आपकी सरकार संकल्पित है। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा उर्दू के साथ भेदभाव किया जा रहा है। राज्य के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अब तक उर्दू को मातृभाषा के रूप में पढ़ाया जाता था। लेकिन, हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा नियम में बदलाव करते हुए उर्दू को मातृभाषा के बजाय द्वितीय भाषा की श्रेणी में कर दिया गया है।

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