गरीबों के राशनकार्ड के पन्ने हैं खाली, नहीं मिल रहा अनाज
सीतामढ़ी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पटरी पर लाने के अबतक के तमाम प्रयासों व प्रशासनिक दावों के बावजूद गरीबों की परेशानियां अपनी जगह हीं कायम है।
सीतामढ़ी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पटरी पर लाने के अबतक के तमाम प्रयासों व प्रशासनिक दावों के बावजूद गरीबों की परेशानियां अपनी जगह हीं कायम है। कई ऐसे भी हैं जिनके राशन कार्ड के पन्ने महीनों से खाली पड़े हैं । दाने-दाने को मोहताज इन गरीबों की शिकायत नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हो रही है। प्रखंड के टिकौली पंचायत अंतर्गत रसुलपुर मलमल्ला गांव के सरोज कुमार की शिकायत है कि उन्हें संबंधित डीलर की मनमानी के कारण महीनों से अनाज नहीं मिला है। यह डीलर की दवंगता नहीं तो और क्या है कि खाद्यान्न देने की बजाय गरीबों से यह कहना कि जहां शिकायत करना है करो ,अनाज नहीं देंगे । एसडीओ(सदर) राकेश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते इन आरोपों की जांच तथा आरोपों की पुष्टि के बाद संबंधित डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। हालांकि, यह भी कहा कि इस संबंध में उन्हें अब तक जानकारी नहीं थी। शिकायतकर्ता इस मामले में वे अकेले नहीं बल्कि उनके साथ उनके साथ महादलित परिवार की जयकल देवी,रामरती देवी, निर्मला देवी, सुन्नर देवी व कुसमी देवी जैसे कई लोग हैं जिन्हें महीनों से अनाज नहीं मिला है। डीलर से परेशान ये उपभोक्ता प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी समेत एसडीओ (सदर) तक इसकी जांच व कार्रवाई की गुहार लगा चुके हैं । लेकिन, नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात । कार्रवाई तो हुई नहीं। सरोज कुमार ने करीब एक दर्जन उपभोक्ताओं के खाली राशनकार्ड को संलग्न करते बिहार सरकार के आपूर्ति मंत्री से अपनी गुहार लगाई है। शिकायतकर्ता की शिकायत है कि उन्हें चार माह से खाद्यान्न नहीं मिला है। यहां तक कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से संबंधित खाद्यान्न भी नहीं दिया गया गया। डीलर के अनुसार आवंटन नहीं है। जबकि विभागीय वेवसाइट पर आवंटित खाद्यान्न उसके नाम अभी भी दर्ज है। सरोज कुमार ने डीलर की मनमानी व अनियमितता की जांच व कार्रवाई की मांग की है ।