घंटों मशक्कत के बाद भी नेमदारगंज से खाली हाथ लौटी टीकाकरण टीम

शेखपुरा। कोरोना संक्रमण से जान बचाने के सुरक्षा चक्र वैक्सीन को लेकर अभी भी कुछ लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है तो कई लोग समझाने पर टीका लेने को आगे आ रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:00 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:00 AM (IST)
घंटों मशक्कत के बाद भी नेमदारगंज से खाली हाथ लौटी टीकाकरण टीम
घंटों मशक्कत के बाद भी नेमदारगंज से खाली हाथ लौटी टीकाकरण टीम

शेखपुरा। कोरोना संक्रमण से जान बचाने के सुरक्षा चक्र वैक्सीन को लेकर अभी भी कुछ लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है तो कई लोग समझाने पर टीका लेने को आगे आ रहे। रविवार को वैक्सीनेशन टीम को सदर प्रखंड के नेमदारगंज में रुबरु होना पड़ा। तय शेड्यूल के तहत रविवार को ग्रामीण टीका एक्सप्रेस को नेमदारगंज जाना था। निश्चित समय पर टीम के लोग गांव पहुंच भी गये। मगर, वहां किसी को टीका नहीं लगाया जा सका। शेखपुरा के चिकित्सा पदाधिकारी डा. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, जीविका, आनंगबाड़ी सेविका के साथ मुखिया-सरपंच भी घंटों घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया तथा हाथ जोड़कर टीका लेने की अपील की, मगर समूचे गांव में एक भी व्यक्ति टीका लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। भ्रम तथा अंधविश्वास से ग्रसित लोगों की समझाने का काफी प्रयास हुआ। इसमें लगभग तीन घंटे तक टीम के लोग घर-घर पहुंचे। टीम को देखकर कई लोगों ने दरवाजे बंद कर लिया। जो मिले उन्होंने टीका लेने से साफ इंकार कर दिया। बाद में वैक्सीनेशन टीम वहां से बगल के गांव पैन चली गई जहां कई लोगों ने टीका लगवाया।

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सुर्खाब आलम की पहल पर राजी हुए लोग

संस, बरबीघा : बरबीघा प्रखंड के कबीरपूरा गांव में लोगों में टीकाकरण को लेकर उत्साह नहीं था फिर टीकाकरण को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पहुंची और लोगों को समझाया तो पंचायत प्रतिनिधि वार्ड सदस्य सुर्खाब आलम आगे आए और लोगों को जागरूक किया। सबसे पहले उन्होंने खुद टीका लगाया तो पीछे से कई लोग आगे आकर टीकाकरण में सहभागी बने। जानकारी देते हुए पिरामल के नीरज ने बताया कि लोगों को मोटिवेट करने की जरूरत पड़ती है। इस अभियान में प्रशासनिक पदाधिकारी फैसल अरशद, मैनेजर राजन कुमार सहित अन्य शामिल हुए। टीका लेने वालों में कबीरपूरा गांव के अबू अनंत समी, जावेद आलम, शबाना आ•ामी, शाहनवाज उल हक, औरंगजेब आलम, फातिमा आदि शामिल हैं। यहां पच्चास से अधिक लोगों ने टीके लगवाए।

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