कई गांवों में बढ़ा संक्रमण, फिर भी लापरवाही बरत रहे लोग
शेखपुरा। कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में गांव पर इसका काफी कुप्रभाव देखने को मिल रहा है। पहले दौर में जहां महानगरों और शहरों तक ही कोविड-19 का वायरस सीमित था और गांव में कुछ-कुछ लोग ही प्रभावित थे और उसमें भी ज्यादातर प्रवासी कामगार प्रभावित हुए थे। जबकि दूसरे दौर में गांव-गांव इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।
शेखपुरा। कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में गांव पर इसका काफी कुप्रभाव देखने को मिल रहा है। पहले दौर में जहां महानगरों और शहरों तक ही कोविड-19 का वायरस सीमित था और गांव में कुछ-कुछ लोग ही प्रभावित थे और उसमें भी ज्यादातर प्रवासी कामगार प्रभावित हुए थे। जबकि दूसरे दौर में गांव-गांव इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। एक गांव में 50 से अधिक संक्रमित का मामला सामने आ रहा है। प्रशासन द्वारा सभी को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है और गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित करके चेतावनी का पोस्टर भी चिपकाया गया है।
शेखपुरा सदर प्रखंड के देवले गांव में 43 लोग संक्रमित मिले है। भोजडीह, हथियामा, डेहरी, चारे, सुदासपुर गांव में संक्रमित लोग पाए गए हैं। जबकि बरबीघा प्रखंड के माउर गांव में कई लोग संक्रमित है। राजौरा, नरसिंहपुर, पुनेसरा, मिर्जापुर, सुभानपुर, जगदीशपुर, मालदह, मिर्जापुर, पिजड़ी, घरसेनी इत्यादि गांव में संक्रमण का प्रभाव है।
शेखोपुरसराय के कई गांवों में संक्रमण है। नीमी गांव सर्वाधिक प्रभावित है। अंबारी, ओनामा, चरूआवां इत्यादि गांवों में कोविड-19 से संक्रमित कई मरीज मिले हैं।
इसी तरह अरियरी के रामपुर, विधापुर, मनकॉल सहित अन्य गांव में लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं, जबकि चेवाड़ा प्रखंड के आंदोली, चेवाड़ा में कई लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्र के घाटकुसुंभा प्रखंड के सुजावलपुर, गगौर, बेलोनी इत्यादि गांव में कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं ।
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क्या कहते है अधिकारी
सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह कहते हैं कि इस बार गांव में काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है और वहां भी संक्रमित लोग पाए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोविड-19 के दूसरे दौर में बचने के लिए मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना और समय-समय पर लगातार हाथ साबुन से धोते रहना बहुत आवश्यक है। गांव में लोग काफी लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में संक्रमण के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।