भदौस के पास सड़क पर चढ़ा कौड़िहारी नदी का पानी

शेखपुरा। एक सप्ताह से जारी बारिश का जोर सोमवार को थमा मगर कौड़िहारी नदी की उफान थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले तीन दिनों से जारी उफान ने कई सड़कों पर आवागमन बाधित होने का खतरा उत्पन्न कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:21 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:21 PM (IST)
भदौस के पास सड़क पर चढ़ा कौड़िहारी नदी का पानी
भदौस के पास सड़क पर चढ़ा कौड़िहारी नदी का पानी

शेखपुरा। एक सप्ताह से जारी बारिश का जोर सोमवार को थमा, मगर कौड़िहारी नदी की उफान थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले तीन दिनों से जारी उफान ने कई सड़कों पर आवागमन बाधित होने का खतरा उत्पन्न कर दिया है। कई गांवों में नदी के पानी से नुकसान की सूचना मिल रही है।

बारिश थमने के बाद भी सोमवार को इस नदी की उफान जारी रही रही। जिले के माहुली से लेकर हुसैनाबाद तथा माने से लेकर कोयला तक एक दर्जन से अधिक गांवों में नदी की उफान ने तबाही मचा रखी है। नदी की उफान से काफी मात्रा में धान का बिचड़ा पानी में डूब गया है। भदौस गांव के पास नदी का पानी सड़क पर चढ़ गया है। इससे सड़क टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। लोग जोखिम लेकर सड़क पार कर रहे हैं। मनियांडा के पास नदी की उफान से शेखपुरा -जमुई एनएच सड़क का दोनों किनारा प्रभावित हो रहा है। नदी के तेज बहाव की वजह से मनियांडा के पास नदी में बने पुराने छिलके पर भी खतरा मंडरा रहा है।

मानसून की बारिश से टाल क्षेत्र के कई गांवों का आवागमन बाधित

पहले चक्रवात यास तथा बाद में मानसून की झमाझम बारिश ने जिले के टाल क्षेत्र के कई गांवों के संपर्क को भंग कर दिया है। इस स्थिति की वजह से क्षेत्र के 20 हजार से अधिक की आबादी को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ रही है। घाटकुसुम्भा के सामाजिक कार्यकर्ता तथा जदयू नेता मनोज कुमार ने बताया कि इन गांवों को पक्की सड़क की सुविधा नहीं मिलने से हर बरसात में लोगों को इस स्थिति से गुजरना पड़ता है। टाल के इन गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए डेढ़ दशक पहले योजना बनी थी, मगर तकनीकी अड़चन की वजह से योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रहा है।

क्षेत्र के मुड़बरिया, कोयला, गदबदिया, सुजवालपुर, पानापुर, प्राणपुर, महबतपुर तथा आलापुर को पक्की सड़क की सुविधा नहीं है। कई दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से इन गांवों की कच्ची सड़कों पर घुटने भर कीचड़ जमा हो गए हैं। इससे लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। लोग मजबूरी में अपने घर और गांव में नजरबंद जैसी जिंदगी व्यतीत करने को विवश हैं। इन गांवों के सड़क निर्माण के बारे में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता से जानकारी लेनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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