महिला कालेज का मामला पहुंचा गवर्नर हाउस

शेखपुरा। महिला कालेज का मामला अब गवर्नर हाउस पहुंच गया है। मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव अजय कुमार के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दी गई है। राज्यपाल कालेजों के कुलाधिपति भी होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:19 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:19 PM (IST)
महिला कालेज का मामला पहुंचा गवर्नर हाउस
महिला कालेज का मामला पहुंचा गवर्नर हाउस

शेखपुरा। महिला कालेज का मामला अब गवर्नर हाउस पहुंच गया है। मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव अजय कुमार के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दी गई है। राज्यपाल कालेजों के कुलाधिपति भी होते हैं। इसी को लेकर कुलसचिव के आदेश के खिलाफ राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया गया है। प्रभारी कुलसचिव के आदेश को गलत बताते हुए इसे रद करने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति को भी आवेदन भेजा गया है। इसी आदेश को मुद्दा बनाकर कालेज के एक सहायक अशोक कुमार ने प्रभारी कुलसचिव को कानूनी नोटिस भेजा है। कानूनी नोटिस में प्रभारी कुलसचिव द्वारा 11 अक्टूबर 2021 को जारी नोटिफिकेशन 126/2021, मेमो नंबर 1425-1430 को रद करने की मांग की गई है। ये है मामला

प्रभारी कुलसचिव ने दशहरा अवकाश के बीच 11 अक्टूबर को आदेश जारी कर शेखपुरा के संजय गांधी स्मारक महिला कालेज के प्रिसिपल से वित्तीय अधिकार लेकर इसके लिए विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी को नामित कर दिया। इस आदेश से अब कालेज का वित्तीय लेनदेन कालेज कमेटी के सचिव (एसडीएम) और विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से होगा, जबकि पहले यह काम स्थानीय स्तर से होता था। इसके पीछे प्रभारी कुलसचिव ने वजह दी है कि महिला कालेज में प्रोफेसर इन चार्ज (प्रिसिपल) की कुर्सी खाली है, जबकि कानूनी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि प्रो. अरुण कुमार प्रिसिपल के पद पर एक जून 2021 से ही कार्यरत हैं। कानूनी नोटिस में प्रभारी कुलसचिव के कार्यक्षेत्र को भी चुनौती देते हुए कहा गया कि शेखपुरा का महिला कालेज अंगीभूत नहीं बल्कि संबद्ध कालेज है। ऐसे में विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार सिर्फ सलाह जारी करने तक सीमित है।

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