रेडिमेड मिठाई बेच रहे दुकानदार लोगों की सेहत से कर रहे खिलवाड़

शेखपुरा। कहावत है कि जिसको जहां मौका मिलता है वही लाभ कमाने में लग जाता है। ऐसे ही एक मामले में लोगों की सेहत से खिलवाड़ खुलेआम किया जा रहा है। आलम यह है कि जिनकी जिम्मेवारी लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल और सुरक्षा की है वह इसके प्रति लापरवाह है। ऐसे में लोग मिठाई के रूप में बीमारी ही खरीद कर अपने घर ला रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 12:15 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 12:15 AM (IST)
रेडिमेड मिठाई बेच रहे दुकानदार लोगों की सेहत से कर रहे खिलवाड़
रेडिमेड मिठाई बेच रहे दुकानदार लोगों की सेहत से कर रहे खिलवाड़

शेखपुरा। कहावत है कि जिसको जहां मौका मिलता है वही लाभ कमाने में लग जाता है। ऐसे ही एक मामले में लोगों की सेहत से खिलवाड़ खुलेआम किया जा रहा है। आलम यह है कि जिनकी जिम्मेवारी लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल और सुरक्षा की है वह इसके प्रति लापरवाह है। ऐसे में लोग मिठाई के रूप में बीमारी ही खरीद कर अपने घर ला रहे हैं। दरअसल यह पूरा मामला रेडीमेड मिठाई दुकानों में बिकने से संबंधित है।

कृत्रिम पाउडर की होती है मिठाई

बगल के बिहारशरीफ शहर से प्रत्येक दिन आधा दर्जन से अधिक आटो पर थोक व्यापारी आते हैं। दुकानों में तरह-तरह की मिठाई आधी कीमत पर देकर चले जाते हैं। उसी की बिक्री कई दुकानदारों के द्वारा की जाती है। बताया जाता है कि रेडीमेड मिठाई कृत्रिम पाउडर और रसायनों के उपयोग से बनाए जाते हैं। जो सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक होते है। अधिक कीमत पर खरीद कर दुगने कीमत व मिठाई बेचने के लालच में मिठाई दुकानदार लोगों की सेहत से खिलवाड़ तो कर ही रहे हैं। स्थानीय मिठाई बनाने वाले कारीगरों के पेट पर भी लात पड़ रही है। बताया जाता है कि बिक्री करने वाला थोक विक्रेता चासनी को फिर से वापस लेकर उसी में मिठाई बनाकर आपूर्ति करते हैं। सेहत से खिलवाड़ कर रहे दुकानदार

अधिक कीमत पर रेडीमेड मिठाई बनाने का अवैध रूप से कई कारखाना नालंदा जिले में संचालित है। वहीं से इसकी आपूर्ति शेखपुरा जिले के विभिन्न शहरों में की जाती है। शेखपुरा नगर परिषद दल्लू चौक, स्टेशन चौक, गिरहिडा चौक इत्यादि जगहों पर रेडीमेड मिठाई की ही बिक्री की जाती है। वहीं बरबीघा में भी बड़े पैमाने पर रेडीमेड मिठाई की बिक्री महावीर चौक, श्री कृष्ण चौक, थाना चौक, मुख्य बाजार में की जाती है। इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश कुमार कहते हैं कि लोगों के सेहत से यह खिलवाड़ है। अधिक पैसे कमाने की लालच में दुकानदार लापरवाही कर रहे हैं और अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से बच रहे हैं। क्या कहते है अधिकारी

फूड इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद मुंगेर में रहते हैं। यहां का प्रभार उनको दिया गया है। पूछने पर बताया कि समय-समय पर दुकानों जांच की जाती है। सैंपल जांच में भेजा जाता है। अब बात संज्ञान में बात आई है। जांच की जाएगी। हालांकि जांच के बाद कार्यवाई कितने पर की गई इस सवाल पर वे चुप्पी साध गए।

-- मिठाई का नाम- खरीद कीमत- बिक्री कीमत मिल्क केक- 90-220 रसगुल्ला- 100- 200 डोडा बर्फी 95-210 लड्डू 80- 160

क्रीम चाप 90-210

कलाकंद-105- 250

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