चहल्लुम पर शिया समुदाय ने निकाला मातम जुलूस

रविवार को जिला में चहल्लुम मनाया गया। चहल्लुम का मुख्य आयोजन शेखपुरा शहरी क्षेत्र के तरछा तथा शहर के बगल मे हुसैनबाद में किया गया। इसमें शिया समुदाय के लोगों ने मातम जुलूस निकाला। चहल्लुम को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे। हुसैनाबाद में भारी भीड़ को देखते हुए मजिस्ट्रेट तथा पुलिस की भी तैनाती की गई थी। यों तो हजरत इमाम हुसैन की शहादत के 40 वें दिन चहल्लुम का आयोजन किया जाता है। मगर इसके पीछे एक दूसरा आयोजन भी शामिल है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 06:05 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:18 AM (IST)
चहल्लुम पर शिया समुदाय ने निकाला मातम जुलूस
चहल्लुम पर शिया समुदाय ने निकाला मातम जुलूस

शेखपुरा : रविवार को जिला में चहल्लुम मनाया गया। चहल्लुम का मुख्य आयोजन शेखपुरा शहरी क्षेत्र के तरछा तथा शहर के बगल मे हुसैनबाद में किया गया। इसमें शिया समुदाय के लोगों ने मातम जुलूस निकाला। चहल्लुम को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे। हुसैनाबाद में भारी भीड़ को देखते हुए मजिस्ट्रेट तथा पुलिस की भी तैनाती की गई थी। यों तो हजरत इमाम हुसैन की शहादत के 40 वें दिन चहल्लुम का आयोजन किया जाता है। मगर इसके पीछे एक दूसरा आयोजन भी शामिल है।

इस बाबत शिया समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ता काजी रजा ने बताया कि असला मे चहल्लुम का आयोजन इमाम हुसैन के कमांडर तथा सैनिकों की याद में मनाया जाता है। हजारों साल पहले करबला कि लड़ाई में इमाम हुसैन के साथ उनके कमांडर जनरल अब्बास तथा कई अन्य सैनिकों ने भी अपनी शहादत दी थी। बताया कि करबला की लड़ाई में शहादत देने वालों की याद में पूरे दो महीने आठ दिन शोक मनाया जाता है। रविवार को आयोजित चहल्लुम भी उसी का हिस्सा है। इसमें शिया समुदाय के लोगों ने जंजीरी मातम भी किया। इसके पहले इमामवाड़ा में तकरीर का आयोजन किया गया। इसमें मानवता की रक्षा के लिए लोगों को आगे आने का आह्वान किया गया।

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