सेहत बिगाड़ सकता प्लास्टिक, कांच व ई-कचरा

शेखपुरा। महज 1200 होल्डिंग वाला शहर लेकिन महीने में 60 क्विंटल सिर्फ पॉलीथिन की खपत हा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2020 07:20 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 06:10 AM (IST)
सेहत बिगाड़ सकता प्लास्टिक, कांच व ई-कचरा
सेहत बिगाड़ सकता प्लास्टिक, कांच व ई-कचरा

शेखपुरा। महज 1200 होल्डिंग वाला शहर लेकिन महीने में 60 क्विंटल सिर्फ पॉलीथिन की खपत होती है। कांच, प्लास्टिक बोतल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और लोहा मिलाकर करीब 12 से 15 टन रोजाना घरेलू कचरे में सेहत बिगाड़ने का पुख्ता सामग्री शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र में जमा हो रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह कर स्वच्छ नगरीय जीवन के लिए कचरा प्रबंधन की योजना ठप हो गई है।

तय था कि स्थानीय महादेव स्थान के निकट कचरा प्रबंधन के लिए जगह सुलभ कराने से शहर गंदगी से मुक्त हो जाएगा। नगर परिषद को करीब 16 बीघा से अधिक भू-खंड उपलब्ध करा दिया गया। नगर परिषद ने यहां कूड़ा डंपिंग यार्ड बनाया है। परिषद के आंकड़े के मुताबिक शेखपुरा शहरी क्षेत्र के करीब 1200 होल्डिंग से प्रति दिन औसत 12 से 15 टन के बीच ठोस अपशिष्ट निकलता है। इसमें लोहा, कांच, प्लास्टिक उत्पाद, पॉलीथिन, कागज, फल-सब्जी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित और अन्य घरेलू अपशिष्ट शामिल हैं। तय था कि पृथकीकरण के बाद कंपोस्ट निर्माण होगा।

फल-सब्जी और घरेलू गीले कचरे से जैविक खाद की योजना बनी। जैविक कंपोस्ट किसानों को पांच रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक्री की व्यवस्था बीते मार्च से ठप है। वजह कोरोना के कारण लॉकडाउन बताया जा रहा है। शहर के कचरे में शामिल प्लास्टिक बोतल 10 रुपये प्रति किलोग्राम बिक्री हो जाती है लेकिन लोहा, शीशा, प्लास्टिक, इलेक्ट्रोनिक्स सामान और कागज यथावत पड़ा हुआ है। कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी के कर्मी सोनू के अनुसार कचरे से जैविक खाद बनाने के लिए 20 गडढे बनाए गए हैं। सभी कंपोस्ट पीट का आकार पाच फीट लंबा, पांच फीट चौड़ा और तीन फीट गहरा है। कचरे में कुछ केमिकल, नीम का पत्ता, गोवर और चूना का लेप चढ़ाया जाता है। करीब 45 दिनों में कचरा जैविक खाद बन जाता है। औसत 150 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन महीने में हो जाता है। जैविक खाद की कीमत पाच रुपये प्रति किलो निर्धारित है।

--- कोट --

कोरोना के कारण केमिकल उपलब्ध नहीं होने के कारण कचरा प्रबंधन ठप है। संक्रमण के भय से मजदूरों को काम से दूर रखा गया है। जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया बंद हो गई है।

दिनेश दयाल लाल,

कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद शेखपुरा।

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कचरे में दैनिक निकलने वाला तत्व लोहा - 12 से 15 किलोग्राम कांच - 50 से 55 किलोग्राम

प्लास्टिक बोतल-20 से 25किलोग्राम

कागज -- 100 से 125 किलोग्राम

पॉलीथिन - 150 से 200 किलोग्राम

पुराने कपड़े -100 से 120किलोग्राम

इलेक्ट्रॉनिक - 5 से 8 किलोग्राम

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