शेखपुरा में मात्र 30 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन

जिला के मुश्किल से 30 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन है। आधे से अधिक केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं तथा कुछ सरकारी स्कूल और सामुदायिक भवन में संचालित हो रहे हैं। जमीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से भाड़े और दूसरे सरकारी भवन में चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:26 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:26 PM (IST)
शेखपुरा में मात्र 30 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन
शेखपुरा में मात्र 30 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन

जागरण संवाददाता, शेखपुरा : जिला के मुश्किल से 30 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन है। आधे से अधिक केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं तथा कुछ सरकारी स्कूल और सामुदायिक भवन में संचालित हो रहे हैं। जमीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से भाड़े और दूसरे सरकारी भवन में चल रहे हैं। भाड़ा के मकान में चल रहे केंद्रों को लेकर सेविकाएं मुश्किल में है। पहले से तय भाड़े के मुताबिक कई केंद्र डेढ़ से दो हजार रुपये प्रतिमाह के किराये पर चल रहे हैं। मगर सरकार ने प्रतिमाह का किराया 7 सौ रुपया तय किया है। ऊपर से किराया का रुपया भुगतान करने में विभाग से कई तरह की तकनीकी पेंच भी है। इसकी वजह से विभाग द्वारा किराये की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। बढ़े हुए किराया और बकाया को लेकर कई सेविकाएं मुश्किल में हैं। इधर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिला में 716 आंगनबाड़ी स्वीकृत हैं, इसमें से 705 संचालित हैं। 705 केंद्रों में से मात्र 215 को अपना भवन है। 34 केंद्रों का संचालन संबंधित टोलों के सरकारी स्कूल के भवन में हो रहा है। 97 केंद्र सामुदायिक भवन में चलाये जा रहे हैं। 7 केंद्रों का संचालन पंचायत भवन और किसान भवन में हो रहा है। 41 केंद्रों का अपना भवन बनाने के लिए जमीन मिल गई है। अभी 363 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहा है।

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डेढ़ साल से बंद हैं केंद्र

कोरोना की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र डेढ़ वर्षों से बंद है। संक्रमण के डर से सभी तक केंद्र को खोलने का कोई ़फैसला नहीं हुआ है। मगर केंद्र पर नामांकित बच्चों को पोषाहार का अनाज और गर्भवती माताओं के लिए टीएचआर का वितरण घर-घर किया जा रहा है। बताया गया केंद्र के बंद रहने की वजह से सामान्य गतिविधि बंद है,मगर बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखरेख का काम सेविका घर-घर जाकर करती है।

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