शेखपुरा में सुबह चहल-पहल,11 बजे भागम-भाग, दोपहर में सन्नाटा

शुक्रवार को लॉकडाउन का चौथा दिन गुजर गया। कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए इस लॉकडाउन का शेखपुरा में कोई खास असर सड़कों पर नहीं दिख रहा है। सुबह से ही बाजार में भीड़ शुरू हो जाती है। सरकार ने सुबह 7 से 11 बजे तक आवश्यक सेवाओं की दुकानें खोलने का निर्देश दिया हैमगर यहां तो साढ़े पांच बजे से ही दुकानदारी शुरू हो जाती है और 11 बजे के बाद तक चल रही है। इसमें दुकानदारों का लालच और आम लोगों की लापरवाही से साथ जिला प्रशासन की शिथिलता भी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:13 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:13 PM (IST)
शेखपुरा में सुबह चहल-पहल,11 बजे भागम-भाग, दोपहर में सन्नाटा
शेखपुरा में सुबह चहल-पहल,11 बजे भागम-भाग, दोपहर में सन्नाटा

जागरण संवाददाता, शेखपुरा:

शुक्रवार को लॉकडाउन का चौथा दिन गुजर गया। कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए इस लॉकडाउन का शेखपुरा में कोई खास असर सड़कों पर नहीं दिख रहा है। सुबह से ही बाजार में भीड़ शुरू हो जाती है। सरकार ने सुबह 7 से 11 बजे तक आवश्यक सेवाओं की दुकानें खोलने का निर्देश दिया है,मगर यहां तो साढ़े पांच बजे से ही दुकानदारी शुरू हो जाती है और 11 बजे के बाद तक चल रही है। इसमें दुकानदारों का लालच और आम लोगों की लापरवाही से साथ जिला प्रशासन की शिथिलता भी है।

सड़कों पर सुबह की चहल-पहल ग्यारह बजे भागम-भाग में बदल जाती है। दोपहर बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। शुक्रवार को भी सड़कों पर अधिकारी और पुलिस की मुश्तैदी कम दिखी। लॉकडाउन के चार दिन गुजर जाने के बाद भी जिला मुख्यालय में जिला स्तर के कोई भी अधिकारी सड़कों पर नहीं निकल सके हैं। अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर के पदाधिकारी के कंधे पर जिम्मेवारी सौंप वरीय अधिकारी इस विपदा के काल में खुद को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं। शुक्रवार को लॉकडाउन का चौथा दिन गुजर गया। कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए इस लॉकडाउन का शेखपुरा में कोई खास असर सड़कों पर नहीं दिख रहा है। सुबह से ही बाजार में भीड़ शुरू हो जाती है। सरकार ने सुबह 7 से 11 बजे तक आवश्यक सेवाओं की दुकानें खोलने का निर्देश दिया है,मगर यहां तो साढ़े पांच बजे से ही दुकानदारी शुरू हो जाती है और 11 बजे के बाद तक चल रही है। इसमें दुकानदारों का लालच और आम लोगों की लापरवाही से साथ जिला प्रशासन की शिथिलता भी है।

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