शेखपुरा जेल के आसपास बने कई मकानों पर खतरा

शेखपुरा। शेखपुरा जेल के आस-पास बने कई मकानों पर यहां से हटाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। नियमानुसार जेल के चाहारदीवारी के तीस मीटर के दायरे में कोई मकान नहीं रहना है। इससे जेल में सामान फेंक कर पहुंचाने का खतरा रहता है। अगर सरकार इस निर्णय को अमल में लाती है तो एक दर्जन से अधिक मकान को हटाना पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:42 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:42 PM (IST)
शेखपुरा जेल के आसपास बने कई मकानों पर खतरा
शेखपुरा जेल के आसपास बने कई मकानों पर खतरा

शेखपुरा। शेखपुरा जेल के आस-पास बने कई मकानों पर यहां से हटाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। नियमानुसार जेल के चाहारदीवारी के तीस मीटर के दायरे में कोई मकान नहीं रहना है। इससे जेल में सामान फेंक कर पहुंचाने का खतरा रहता है। अगर सरकार इस निर्णय को अमल में लाती है तो एक दर्जन से अधिक मकान को हटाना पड़ सकता है। यह बात जेलों की सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा तय मानक को लेकर उठा है। हालांकि, इस मामले में शेखपुरा जेल के अधीक्षक विनोद कुमार सिंह अपनी तरफ से कुछ स्पष्ट बताने की स्थिति में नहीं हैं।

जानकारी लेने पर उन्होंने कहा यह उच्च स्तर की बात है,हम क्या कह सकते हैं। असल में इस बात की चर्चा सरकार के उस फैसले के बाद गरम हुई है,जिसमें सरकार ने जिला में अवस्थित मंडल कारागारों की सुरक्षा को लेकर मानक तय किया गया है। इसमें शेखपुरा जैसे मंडल कारा की 30 मीटर की परिधि में कोई भी दूसरा मकान नहीं होगा। यह मानक जेल और कैदियों के साथ जेल कर्मियों की सुरक्षा के लिए तय किया गया है। इस मानक में यहां जेल के आसपास के एक दर्जन से अधिक मकान निशाने पर आ सकते हैं। जेल अधीक्षक ने बताया यह उच्च स्तर का मामला है। हम कुछ नहीं कह सकते हैं। बता दें शेखपुरा को 1983 में अनुमंडल का दर्जा मिलने के बाद 1992 में यहां उपकारा शुरू हुआ था। बाद में 1994 में शेखपुरा को जिला का दर्जा मिलने के बाद उपकारा का ही विस्तार करके इसे जिला स्तर का मंडल कारा बना दिया गया।

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