यूरिया के लिए त्राहिमाम कर रहे किसान, सख्ती के बाद दुकानदारों ने यूरिया का उठाव किया बंद यूरिया का स्टाक जीरो

शेखपुरा जिले में बीते एक पखवारे से यूरिया की भारी किल्लत है। 10 दिन पहले तक बिस्कोमान में शेखपुरा मुख्यालय में यूरिया मिलने से जैसे-तैसे लोग इसकी पूर्ति कर रहे थे परंतु वह भी अब बंद हो गया। मुंह मांगी कीमत पर भी किसानों को यूरिया मिलना बंद है और धान के खेत यूरिया के बगैर तबाह हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 11:07 PM (IST)
यूरिया के लिए त्राहिमाम कर रहे किसान, सख्ती के बाद दुकानदारों ने यूरिया का उठाव किया बंद
यूरिया का स्टाक जीरो
यूरिया के लिए त्राहिमाम कर रहे किसान, सख्ती के बाद दुकानदारों ने यूरिया का उठाव किया बंद यूरिया का स्टाक जीरो

जाटी, शेखपुरा: शेखपुरा जिले में बीते एक पखवारे से यूरिया की भारी किल्लत है। 10 दिन पहले तक बिस्कोमान में शेखपुरा मुख्यालय में यूरिया मिलने से जैसे-तैसे लोग इसकी पूर्ति कर रहे थे परंतु वह भी अब बंद हो गया। मुंह मांगी कीमत पर भी किसानों को यूरिया मिलना बंद है और धान के खेत यूरिया के बगैर तबाह हो रहे हैं। किसान यूरिया के लिए कभी इस शहर तो कभी उस शहर दौड़ रहे हैं परंतु मुंह मांगी कीमत पर भी यूरिया नहीं मिल रहा। इससे धान की फसल को भारी नुकसान का अनुमान है।

-- कैसे हुई यूरिया की किल्लत, क्या है परेशानी

एक माह से यूरिया की किल्लत जिले में है। खुदरा और थोक विक्रेताओं पर सरकार ने जब नकेल कसी तो जिला प्रशासन भी सख्ती करने लगा। 265 रुपये में खुदरा बिक्री वाले यूरिया को हमेशा दुकानदारों के द्वारा 350 रुपये तक में बेचा जाता रहा है। इस बार जब सख्ती की गई और प्राथमिकी करने की चेतावनी मिली तो दुकानदारों ने दूसरा रास्ता अपना लिया और यूरिया का उठाव ही बंद कर दिया। इस वजह से यूरिया की किल्लत हो गई। किसान नेता कमलेश कुमार कहते हैं कि दुकानदार हमेशा 320 से 350 तक में ही यूरिया किसानों को देते रहे हैं। उधर, बरबीघा विस्कोमान में एक कर्मचारी के निलंबन के बाद अधिकारियों की शिथिलता से एक माह से यूरिया नहीं आ रहा। बताया जाता है निलंबित कर्मचारी के नाम से यूरिया का आवंटन होता था। ----

फतुहा में लगता है रैक प्रशासन की सख्ती को लेकर उर्वरक विक्रेताओं का अपना तर्क है। उर्वरक विक्रेता भुनेश्वर प्रसाद कहते हैं कि उर्वरक निर्माता कंपनियों को 265 रुपये में बिक्री के लिए यूरिया को दुकान तक पहुंचा कर देना है परंतु रैक फतुहा में लगता है। वहां से लाने में प्रति बोरा 30 रुपये खर्च अतिरिक्त पड़ता है। ऐसे में दुकानदारों के सामने उचित मूल्य पर यूरिया बेचने में परेशानी है जबकि बिस्कोमान में कंपनी पहुंचाकर यूरिया दे रही है और वहां 265 रुपये में बिक्री किया जा रहा है। --- क्या कहते है किसान

जिले के चेवाड़ा के चकंदरा पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता एवं किसान रवि सिंह कहते हैं कि दुकानदारों को यूरिया मिल ही नहीं रहा तो किसानों को कहां से मिलेगा। यूरिया के लिए किसान त्राहिमाम कर रहे हैं।शेखपुरा के मेहुस निवासी चितरंजन कुमार, चितैरा के विकास, कैथवां के भरत, बरबीघा प्रखंड के किसान खोजागाछी निवासी शैलेंद्र सिंह, मालदह निवासी अमरकांत सिंह, शेरपर निवासी रुस्तम, धर्मराज, बभनबीघा निवासी मुकेश कुमार बताते हैं कि यूरिया मुंह मांगी कीमत देने पर भी कहीं नहीं मिल रहा। अभी यूरिया खेत में नहीं पड़ेगा तो धान की फसल को भारी नुकसान हो जाएगा।

-- क्या कहते है अधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया जिला को 5500 बोरी नये यूरिया का आवंटन हुआ है। यह आवंटन प्राइवेट डीलरों के लिए हुआ है। यूरिया की यह नई खेप मंगलवार से बुधवार तक पहुंचने की उम्मीद है। बिस्कोमान के लिए अभी यूरिया का आवंटन नहीं हुआ है। जिला में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से यूरिया की किल्लत है। चालू सीजन में जिला को अभी तक 9 हजार मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन हुआ है। इसमें अभी तक मात्र 3 हजार 4 सौ मीट्रिक टन का उठाव हुआ है। इसकी वजह से यूरिया की किल्लत है।

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