शेखपुरा जिले में डाक्टरों के 65 व नर्सो के 77 पद हैं खाली
शेखपुरा। जिले के अस्पतालों में चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों के गायब रहने पर आए दिन हो-हंगामे की खबरें आती रहती हैं। ऊपर से अब कोरोना की तीसरी लहर आने की बात हो रही है। ऐसे में दवा से अधिक स्वास्थ्य विभाग में मैन पावर की जरूरत महसूस हो रही है।
शेखपुरा। जिले के अस्पतालों में चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों के गायब रहने पर आए दिन हो-हंगामे की खबरें आती रहती हैं। ऊपर से अब कोरोना की तीसरी लहर आने की बात हो रही है। ऐसे में दवा से अधिक स्वास्थ्य विभाग में मैन पावर की जरूरत महसूस हो रही है। जिले के स्वास्थ्य विभाग में मैन पावर की कमी की स्थिति यह है कि 57 चिकित्सक और 77 नर्सो के पद वर्षो से खाली पड़े हैं। जिले के सबसे बड़े सरकारी संस्थान सदर अस्पताल मात्र 12 चिकित्सकों के भरोसे चलाये जा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि अगर वास्तव में कोरोना की तीसरी लहर आई तो उससे स्वास्थ्य विभाग कैसे निपटेगा।
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स्वास्थ्यकर्मी का हौसला हिमालय जैसा : इस सवाल पर सिविल सर्जन डा. केएमपी सिंह ने कहते हैं कि हमारे पास वास्तव में मैन पावर की कमी है, मगर हमारे चिकित्सकों, नर्सों सहित दूसरे स्वास्थ्यकर्मी का हौसला हिमालय जैसा ऊंचा है। हमारे कर्मियों ने जान की बाजी लगाकर टीम भावना के साथ पहली और दूसरी लहर को मात दिया है। तीसरी लहर से मुकाबले को भी हम पूरी तरह से तैयार हैं। चिकित्सकों और दूसरे कर्मियों के खाली पदों पर पदस्थापन के लिए उच्चाधिकारी को भी पत्र लिखा गया है।
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जिले में 17 अतिरिक्त पीएचसी व 104 स्वास्थ्य उपकेंद्र : इधर, विभागीय जानकारी में बताया गया कि जिले में सदर, रेफरल तथा पीएचसी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा 17 अतिरिक्त पीएचसी एवं 104 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। इनमें 132 चिकित्सक का पद स्वीकृत हैं। मगर, मात्र 65 चिकित्सक पदास्थापित हैं। जिले में विशेषज्ञ चिकित्सक के 56 स्वीकृत पद पर मात्र 11 कार्यरत हैं। सामान्य चिकित्सक के 66 स्वीकृत पद पर 54 कार्यरत हैं। जिले में एएनएम के 256 पद स्वीकृत हैं, इसमें 179 कार्यरत हैं और 77 खाली पड़े हैं। ए ग्रेड नर्स जीएनएम के 56 स्वीकृत पद में से 43 कार्यरत हैं।
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सदर अस्पताल में केवल 12 डाक्टर : जिले का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य संस्थान सदर अस्पताल मात्र 12 चिकित्सकों के भरोसे चलाया जा रहा है। सदर अस्पताल में चिकित्सक के 35 पद स्वीकृत हैं, इसमें से 23 खाली पड़े हैं। सदर अस्पताल के ही चिकित्सक से एसएनसीयू का भी संचालन किया जाता है। सीएस ने बताया कि कोरोना को लेकर जिले में दो महीने संविदा पर कुछ चिकित्सकों को बहाल किया गया है। कोविड सेंटर पर भी छह चिकित्सकों को तैनात करके तीन शिफ्टों में उनकी सेवा ली जा रही है। सदर अस्पताल की भी इमरजेंसी तथा ओपीडी सेवा को सशक्त किया गया है।