शौचालय बना जलावन घर, जारी है खुले में शौच
जिले में सबसे पहले ओडीएफ घोषित परसौनी बैज पंचायत के हरिहरपुर गांव की शौचालयों का उपयोग नहीं किया जाता।
शिवहर। जिले में सबसे पहले ओडीएफ घोषित परसौनी बैज पंचायत के हरिहरपुर गांव की शौचालयों का उपयोग नहीं किया जाता। वार्ड 12 के महादलित बस्ती में बने इन शौचालयों का उपयोग जलावन एवं खर पतवार रखने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं अन्य शौचालयों की हालत तो और भी जुदा है। किसी के छप्पर गायब हैं तो किसी की दीवारें एवं टंकियां टूटी हुई है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वच्छता अभियान का यहां क्या असर है। एक ओर जिले को ओडीएफ बनाने को मुहिम चलाकर शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हरिहरपुर में आज भी खुले में शौच की परंपरा जारी है। बता दें कि वर्ष 2015 में अभियान के तहत युद्ध स्तर पर परसौनी बैज पंचायत में आनन फानन में शौचालयों का निर्माण हुआ, क्योंकि पंचायत को ओडीएफ बनाना था। पंचायत ओडीएफ हो भी गया लेकिन सूरत आज भी जस की तस है। जिला प्रशासन द्वारा गांव- गांव में जागरूकता अभियान चलाकर शौचालय निर्माण एवं उपयोग करने की नसीहत लोगों को दी गई। खुले में शौच करने वालों से उठक बैठक करवाई गई। बावजूद हरिहरपुर की हालत में सुधार नहीं हैै। ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण का ठेका एक एनजीओ को दिया गया था। जिसने मानक की अनदेखी करते हुए किसी तरह शौचालय का ढांचा खड़ा कर दिया जो कुछ ही महीनों में अनुपयोगी हो गया। परिणाम स्वरुप इस महादलित बस्ती में फिर से लोग शौचालय विहीन हो गए हैं। यहां अधिकांश लोग मजदूरी करके जीवनयापन करते हैं। अपने बूते पर शौचालय का निर्माण कठिन है।