बाढ़ और बारिश के जमा पानी से निकल रहा दुर्गंध
शिवहर। बीते सप्ताह आई प्राकृतिक आपदा ने क्या अमीर और क्या गरीब किसी को नहीं बख्शा है। बाढ़ और बारिश से जूझते लोगों की जिदगी दोराहे पर आ खड़ी हो गई है।
शिवहर। बीते सप्ताह आई प्राकृतिक आपदा ने क्या अमीर और क्या गरीब किसी को नहीं बख्शा है। बाढ़ और बारिश से जूझते लोगों की जिदगी दोराहे पर आ खड़ी हो गई है। दूसरी बाढ़ में आए निचले क्षेत्रों से भी बाढ़ का पानी भले ही कम हो गया है कितु परेशानी कायम है। अब दो सप्ताह से जमे पानी से बदबू आने लगी है जो संक्रमणजनित बीमारियां फैलाने में सहायक है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा ब्लीचिग पाउडर एवं चूने का छिड़काव करने को टीम लगाई गई है कितु वह नाकाफी है। अभी भी अधिकांश इलाकों में ब्लीचिग पाउडर नहीं पहुंचा है। यूं तो बाढ़ की मार कम हो गई है। बागमती नदी का जलस्तर रोज कम हो रहा है। कितु पिपराही प्रखंड के नरकटिया, बेलवा, अंबा उतरी एवं दोस्तियां गांव के लोगों में डर बना ही हुआ है। ग्रामीण मानते हैं कि बागमती कब उफान पर आ जाए कहा नहीं जा सकता। उन बाढ़ पीड़ितों की दशा बेहद खराब है जिनका घर डूब गया है। लोग सड़क किनारे, तटबंधों पर शरण ले रखे हैं। नपं वार्ड 12 रसीदपुर महादलित बस्ती में तो एनएच 104 किनारे किसी तरह समय काट रहे हैं। इनका गुस्सा प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों पर है। कहते हैं कि नेताओं को हमारी याद सिर्फ वोट लेने के वक्त ही आती है।