शिवहर में वेंटिलेटर पर सिस्टम, विभाग हलकान

बेशक कोरोना संक्रमण के बीच शिवहर स्वास्थ्य विभाग सीमित संसाधनों के बीच लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहा है। लेकिन आपातकालीन स्थिति में कोरोना संक्रमित मरीजों को एसकेएमसीएच रेफर करना अब भी मजबूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 12:20 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 12:20 AM (IST)
शिवहर में वेंटिलेटर पर सिस्टम, विभाग हलकान
शिवहर में वेंटिलेटर पर सिस्टम, विभाग हलकान

शिवहर । बेशक, कोरोना संक्रमण के बीच शिवहर स्वास्थ्य विभाग सीमित संसाधनों के बीच लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहा है। लेकिन, आपातकालीन स्थिति में कोरोना संक्रमित मरीजों को एसकेएमसीएच रेफर करना अब भी मजबूरी है। वजह शिवहर में खुद सिस्टम, वेंटिलेटर पर है और जिले का स्वास्थ्य विभाग हलकान है। जिले में चिकित्सक और कर्मियों का अभाव है। इलाज और जांच के चलते लगातार चिकित्सक और कर्मी संक्रमित हो रहे है। ब्लड बैंक के अभाव में आपरेशन जैसी सुविधा पर ग्रहण लग गया है। इन सबके बीच सबसे बड़ी परेशानी वेंटिलेटर को लेकर है। सदर अस्पताल के एक कमरे में एक साल से आधा दर्जन वेंटिलेटर धूल फांक रहे है। लाखों रुपये मूल्य का यह वेंटिलेटर किसी काम का नहीं रह गया है। वजह सहायक उपकरण के अभाव में इसका इंस्टालेशन नहीं हो पाया है। वहीं वेंटिलेटर चलाने के लिए विभाग के पास दक्ष कर्मी भी नहीं है। खबर हैं कि, विभाग अब सभी छह वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों को देने की तैयारी में है।

बताते चलें कि, पिछले साल कोरोना काल में वेंटिलेटर की आवश्यकता अहम हो गई थी। पीएम केयर फंड से शिवहर सदर अस्पताल को चार व राज्य सरकार की ओर से दो वेंटिलेटर भेजे गए। लेकिन सहायक उपकरण नहीं भेजा जा सका। नतीजतन इसका इंस्टालेशन नहीं हो सका। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा बार-बार राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र भेजकर सहायक उपकरण की डिमांड की जाती रही। लेकिन राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोई पहल नहीं की। देखते-देखते एक साल गुजर गया और दूसरी बार कोरोना ने दस्तक दे दी। डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा बताते हैं कि, वर्तमान में वेंटिलेटर का चालू कराना जरूरी है। लेकिन, मुख्यालय की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। उधर, वेंटिलेटर को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने आरटीआई से जवाब मांगा तो लोक सूचना पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, शिवहर ने दो फरवरी को भेजे गए जवाब में बताया कि, जिले में राज्य स्तर से चार वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया है। इसे क्रियाशील करने के लिए बीएमएसआइसीएल से अन्य उपकरण की मांग की गई हैं। इसके बाद मुकुंद ने बिहार मेडिकल सर्विस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड से आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी। पूछा कि, शिवहर को वेंटिलेटर चालू कराने के लिए जरूरी सामग्री कब तक उपलब्ध कराई जाएगी तो पहली अप्रैल को भेजे गए जवाब में बीएमएसआइसीएल ने बताया कि, यह सवाल सूचना के अधिकार कानून की श्रेणी में नहीं आता हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि, शिवहर में स्वास्थ्य सेवा बदहाल हैं। वेंटिलेटर रहते हुए भी शिवहर के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा हैं।

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इनबॉक्स :::

अब निजी अस्पतालों को वेंटिलेटर देने की तैयारी

शिवहर: इंस्टालेशन और दक्ष कर्मी के अभाव में सदर अस्पताल में कबाड़ बने वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों को सौंपा जाएगा। सीएस ने इस बाबत पत्र जारी कर वैसे निजी अस्पताल जो वेंटिलेटर की सुविधा मरीजों को उपलब्ध करा सकते है, उनसे आवेदन मांगा है। आवेदन के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जाचोपरांत संबंधित निजी अस्पताल को तीन महीने के लिए वेंटिलेटर सौंपा जाएगा। तीन माह बाद संबंधित अस्पताल चालू हालत में स्वास्थ्य विभाग को वेंटिलेटर लौटाएंगे। निजी अस्पताल इन वेंटिलेटर सुविधा के बदले प्रति दिन दो हजार रुपये की दर से शुल्क ले सकेंगे।

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