यथार्थ एवं कर्तव्य बोध से रूबरू कराती है मीडिया: डीएम

राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 12:22 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 12:22 AM (IST)
यथार्थ एवं कर्तव्य बोध से रूबरू कराती है मीडिया: डीएम
यथार्थ एवं कर्तव्य बोध से रूबरू कराती है मीडिया: डीएम

शिवहर। राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को आयोजित की गई। इस अवसर पर जिले के सभी ¨प्रट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों को आमंत्रित किया गया था। अपने संबोधन में डीएम श्री अजीज ने कहा कि यह सर्वविदित सत्य है कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकारिता का मतलब सिर्फ खबर देना भर नहीं है बल्कि अपनी सोच की बदौलत वातावरण में एक नई ऊर्जा प्रदान करना है। वही सचबयानी एवं भटके को कर्तव्यबोध कराना इसका एक खास पहलू है। कहा कि इतिहास गवाह है कि क्रांति में कलम का भी अहम योगदान रहा है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी को खुश करने के लिए अपनी कलम का सौदा हरगिज ना करें। पीत पत्रकारिता से बचते हुए सकारात्मक सोच के साथ कहीं भी अगर त्रुटि दिखे तो उसे अखबार में जगह देना आपका फर्ज है ताकि उसे दूर किया जा सके। बदलते जमाने के साथ मीडिया में ह्रास की बात कही जाती है मैं उसे गिरावट नहीं बल्कि परिवर्तन मानता हूं। कहा कि पत्रकारिता और निर्भीकता का अन्योन्याश्रय संबंध है। समाज हित में देश की तरक्की के लिए सहयोग की भावना से अपने भावों को व्यक्त करें तो निश्चय ही वह प्रभावी होगा। नकारात्मक एवं विरोधी भाव का त्याग करते हुए अगर मुझसे भी कहीं कोई गलती होती हो तो मुझे उसका एहसास कराएं मैं उसका स्वागत करते हुए सुधार के रास्ते तलाशने की कोशिश करुँगा। वहीं एसपी संतोष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मैं उन तमाम कलम के सिपाहियों को नमन करता हूं जिन्होंने स्वतंत्र स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अब तक कलम के लिए कुर्बानी दी है। समाज को जगाने में अपने अहम योगदान दिए। कहा कि आए दिन मीडिया के स्तर में गिरावट की बातें कही जाती हैं मैं उससे इत्तफाक नहीं रखता क्योंकि गिरावट सामाजिक मूल्यों में आई है। जिसे लेकर समग्र ¨चतन की आवश्यकता है। खोए मूल्यों को पुन: स्थापित कर गौरवय भारत के निर्माण में मीडिया की महती भूमिका हो सकती है। कहा कि आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस आत्मावलोकन का दिन है। इसमें कतई संदेह नहीं कि मीडियाकर्मियों को चुनौतियों से जूझना पड़ता है उत्साहव‌र्द्धन करते हुए कहा कि समाज के सजग प्रहरी होने के नाते यह जोखिम आपको उठानी ही पड़ेगी। यह भी सच है कि मीडिया घराना पूंजीवाद के गिरफ्त में है लेकिन दुख तब होता है जब इसे व्यवसाय का रूप दिया जाता है। अगर इसे देशहित की भावना से देखा जाए तो नजारा जुदा होगा जिसकी अपेक्षा हम सभी करते हैं। वहीं डीडीसी मो. वारिस खान ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में स्थापित मीडिया देश का भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभाती है। हाल के दिनों में मीडियाकर्मियों पर सवाल उठते रहे हैं बावजूद इसके अगर पत्रकार ना हो तो देश की तस्वीर बदरंग हो जाएगी। मौजूद पत्रकारों को इंगित कर कहा कि सत्य को उद्घाटित करना मीडिया का पुनीत कर्तव्य है लेकिन उसमें समन्वय स्थापित करना भी उनकी योग्यता का परिचायक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रारंभ से लेकर अब तक आए उतार-चढ़ाव का जिक्र करते हुए डीडीसी श्री खान ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का उदाहरण दिया। वहीं आज के आधुनिक मीडिया की भी तस्वीर भी पेश की। कहा निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर की गई ़खबर ही अपना प्रभाव छोड़ती है। दुश्वारियों का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें दो राय नहीं कि मीडिया तलवार की धार पर चलने के बराबर है। इस दौरान विभिन्न ¨प्रट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जिला प्रभारियों ने अपने उद्गार रखे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से सभी को प्रेस दिवस की शुभकामनाएं दी गई। मौके पर एडीएम शंभूशरण, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी उमाशंकर पाल, जिला भू अर्जन पदाधिकारी आलोक कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं सभी मीडियाकर्मी मौजूद थे।

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