पुरनहिया थानाध्यक्ष के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज

शिवहर। बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर अभी तिथि तय भी नहीं हो सकी है। लेकिन शिवहर मे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:25 PM (IST)
पुरनहिया थानाध्यक्ष के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज
पुरनहिया थानाध्यक्ष के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज

शिवहर। बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर अभी तिथि तय भी नहीं हो सकी है। लेकिन, शिवहर में संभावित प्रत्याशियों द्वारा एक-दूसरे को रोकने के लिए शह और मात का खेल शुरू हो गया है। इसके तहत संभावित प्रत्याशियों द्वारा एक-दूसरे को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। साथ ही एससीएसटी एक्ट का सहारा लिया जा रहा है। झूठे मामले दर्ज करने में पुलिस की भूमिका भी संदेहास्पद है। पिपराही स्थित एसएसीएसटी थाने में दर्ज एक मामले को लेकर निर्वाचन आयोग पटना ने इसकी जांच के आदेश दिए है। आयोग ने इस बाबत शिवहर के डीएम-एसपी को पत्र भेजकर मामले की जांच का आदेश दिया है। मामले में सीएम, मुख्य सचिव व डीजीपी से लगाई गई गुहार के आलोक में सरकार के उप सचिव ने भी डीएम-एसपी को मामले की जांच का आदेश दिया है। जबकि, मामले में पुरनहिया थानाध्यक्ष की गर्दन फंस गई है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुरनहिया थानाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दर्ज मामले में थानाध्यक्ष पर पद की शक्ति के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। यह मामला कोलकाता में साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में तैनात शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के बराही जगदीश निवासी रामवली राउत के परिवार से जुड़ा है। रामवली राउत ने सीएम, मुख्य सचिव, डीजीपी, डीएम व एसपी को ईमेल कर मामले की जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने बताया था कि, उनके पिता इंदल राउत इलाके में अपनी स्वच्छ छवि को लेकर चर्चित है। वह पंचायत चुनाव में पंसस पद के प्रत्याशी है। बताया था कि, चार अप्रैल को बराही जगदीश गांव में उसके दरवाजे के पीछे स्थित मंदिर परिसर में लगे फूल के पेड़ को गांव के ही कुमर बैठा, सुरेश बैठा और सुरेंद्र बैठा काट रहे थे। इसका उनके चाचा राजेश राउत के भाई प्यारे राउत ने विरोध किया। इससे नाराज तीनों लोगों ने मिलकर प्यारे राउत की पिटाई की थी। बीच-बचाव करने गए राजेश राउत के साथ भी मारपीट की और जेब से पांच हजार रुपये छीन लिए। भागते वक्त आरोपियों ने एससीएसटी एक्ट में फंसाने की धमकी भी दी थी। विवाद का कारण उसके दरवाजे के आगे सरकारी जमीन पर बना मंदिर है। जिसका पिछले 30 साल से देखरेख रामवली राउत के परिवार के लोग करते आ रहे है। मामले को लेकर राजेश राउत और इंदल राउत पुरनहिया थाना पहुंचकर आवेदन दिया था। लेकिन, थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने से इन्कार कर दिया। वहीं गंदी-गंदी गालियां दी। जिसकी रिकार्डिंग उनके पास है। उन्होंने चार अप्रैल की रात आठ बजे ही ईमेल भेजकर आरोपितों पर झूठे मुकदमे में फंसाने की जानकारी देते हुए उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन, कुमर बैठा ने एससीएसटी थाने में इंदल राउत, राजेश राउत व सुमन कुमार के खिलाफ आठ अप्रैल को कांड संख्या 7/21 दर्ज करा दिया। चार दिन बाद मामला दर्ज करने को लेकर रामवली राउत ने सवाल उठाते हुए फिर अधिकारियों को मेल किया। जिसमें अपने परिवार को फंसाने की जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की। उन्होंने निबंधित डाक से पत्र भी भेजा था। बताया था कि, आरोपितों का मकसद उनके पिता को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकना है। इसकी प्रति उन्होंने मानवाधिकार आयोग और निर्वाचन आयोग को भी भेजी थी। इसके आलोक में सरकार के उपसचिव और निर्वाचन आयोग ने डीएम-एसपी को अलग-अलग पत्र भेजकर जांच और कार्रवाई का आदेश दिया था। मामले में एसपी के आदेश पर शुक्रवार को एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने घटनास्थल का दौरा कर मामले की जांच की है। जबकि, शुक्रवार को ही पुरनहिया थानाध्यक्ष के खिलाफ मानवाधिकार आयोग ने मामला दर्ज किया है।

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