मुख्यालय स्थित रोड डिवाइडर पर नहीं लगे पौधे
इसे विडंबना कहें या फिर विरोधाभास? पृथ्वी दिवस के अवसर पर रविवार को जिले में दो लाख पौधे लगाने की बात हो रही।
शिवहर । इसे विडंबना कहें या फिर विरोधाभास? पृथ्वी दिवस के अवसर पर रविवार को जिले में दो लाख पौधे लगाने की बात हो रही। सभी कार्यालय परिसरों, विद्यालयों, सड़क किनारे हर ओर चाहे वह घनी बस्ती हो या फिर सुनसान जगह हर तरफ पौधे लगाए गए। कितु मुख्यालय स्थित रोड डिवाइडर एक अदद पौधा के लिए तरस रहा। इसे चिराग तले अंधेरा कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं। जबकि शिवहर- मुजफ्फरपुर पथ में जीरो माइल चौक से जिला चौक के बीच बने रोड डिवाइडर को रंग- बिरंगे फूलों व छायादार वृक्षों से सुसज्जित करने की बात थी। एक मायने में जिले के प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की गरज से तत्कालीन डीएम अरशद अजीज ने वन विभाग एवं कृषि विभाग एवं कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल की सम्मिलित सहभागिता सुनिश्चित कर डिवाइडर के बीच चुनिदा फूल के पौधे लगाए थे। बीते वर्ष 13 सितंबर 19 को बाजाप्ता पौधारोपण कार्यक्रम हुआ था। वहीं उसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की थी। अगर थोड़ी सी संवेदनशीलता दिखाई गई होती तो एक साल में वे पौधे पूरी तरुणाई पर होते जिसकी छटा देखते बनती। जिले के प्रथम और एक मात्र रोड डिवाइडर पर लगे पौधे आवारा पशुओं के ग्रास बन गए जो बच गए थे उचित प्रबंधन के अभाव निष्प्राण हो गए। हद तो यह कि अब इसका प्रारंभिक छोर क्षतिग्रस्त भी रहा!