कोटा में कर रहे थे मेडिकल की पढ़ाई और अब करेंगे सामाजिक विषमताओं की दवाई

जिले के पिपराही प्रखंड के सर्वाधिक उपेक्षित विकास से अनजान और बागमती की धाराओं से वीरान पड़े बेलवा पंचायत से चंदन पासवान मुखिया चुने गए है। 22 वर्षीय चंदन पासवान जिले के दूसरे सबसे कम उम्र के मुखिया बने हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 02:08 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 02:08 AM (IST)
कोटा में कर रहे थे मेडिकल की पढ़ाई और अब करेंगे सामाजिक विषमताओं की दवाई
कोटा में कर रहे थे मेडिकल की पढ़ाई और अब करेंगे सामाजिक विषमताओं की दवाई

शिवहर । जिले के पिपराही प्रखंड के सर्वाधिक उपेक्षित, विकास से अनजान और बागमती की धाराओं से वीरान पड़े बेलवा पंचायत से चंदन पासवान मुखिया चुने गए है। 22 वर्षीय चंदन पासवान जिले के दूसरे सबसे कम उम्र के मुखिया बने हैं। इसके पहले कुशहर पंचायत से इंजीनियरिग की छात्रा रही अनुष्का ने 21 वर्ष की उम्र में चुनाव जीतकर जिले की सबसे कम उम्र की मुखिया बनकर देशभर में छा गई थी। अनुष्का के बाद अब 22 वर्षीय चंदन जिले के दूसरे सबसे कम उम्र के मुखिया चुने गए है। बेलवा निवासी सर्वजीत पासवान के पुत्र चंदन पासवान, इंटर की पढ़ाई के बाद डाक्टर बनने का सपना लेकर कोटा को रवाना हुए थे। माता-पिता के डाक्टर बनाने के सपने को सच में साकार करने के लिए चंदन ने काफी मेहनत की। दो साल तक कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी की। पिछले साल कोरोनाकाल में वह अपने गांव लौट आए। गांव आने के बाद उन्होंने इलाके की बदहाली और जनता की परेशानी को करीब से समझा। इस दौरान चंदन ने समाज की सेवा करने की ठानी। पंचायत के लोगों के सुख-दुख में शामिल होने लगे। इलाके के लोगों को चंदन के रूप में बड़ा सहारा मिला। लोगों के दिलों में चंदन छा गए। इसी बीच पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो गांव वालों की मांग पर चंदन भी मैदान में कूद गए। मतदान के दौरान जनता ने चंदन का वंदन किया और बुधवार को घोषित चुनाव परिणाम में चंदन ने 146 मतों के अंतर से निवर्तमान मुखिया कमलेश पासवान को पटखनी देकर मुखिया की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। चंदन को 1290 मत मिले। मुखिया पद पर जीत के बाद चंदन ने कहा कि वह युवाओं को साथ लेकर इलाके का चतुर्दिक विकास कराएंगे। मुखिया बनकर समाज की सेवा करेंगे। कहा कि अब आगे की पढ़ाई स्थगित रहेगी। अब जनता की सेवा ही करेंगे और आगे राजनीति में किस्मत आजमाएंगे। चंदन पासवान ने बताया कि उन्होंने अपने दादा की प्रेरणा से चुनाव लड़ा। दिलचस्प पहलू यह कि उनके दादा ने चुनाव तो जरूर लड़ी। लेकिन जीत नसीब नहीं हुई। लेकिन पोते ने पहले ही प्रयास में जीत का कीर्तिमान बना लिया।

चंदन पासवान ने वर्ष 2015 में केंद्रीय विद्यालय शिवहर से दसवीं बोर्ड व वर्ष 2017 में इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद तैयारी के लिए कोटा चले गए। जहां नीट निकालने का भी प्रयास किया।

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