हटाए गए श्रीराम-जानकी मंदिर पुरनहिया के महंत, एसडीओ को मिली महंत पद की जिम्मेदारी

शिवहर । श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर की करोड़ों की बेस कीमती जमीन बेचने के मामले में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने मंदिर के महंत प्रभु शरण दास को महंत पद से हटा दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:17 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:17 PM (IST)
हटाए गए श्रीराम-जानकी मंदिर पुरनहिया के महंत, एसडीओ को मिली महंत पद की जिम्मेदारी
हटाए गए श्रीराम-जानकी मंदिर पुरनहिया के महंत, एसडीओ को मिली महंत पद की जिम्मेदारी

शिवहर । श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर की करोड़ों की बेस कीमती जमीन बेचने के मामले में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने मंदिर के महंत प्रभु शरण दास को महंत पद से हटा दिया गया है। साथ ही महंत के रूप में उनके अधिकार और कर्तव्य को छीन लिया है। वहीं शिवहर एसडीओ को तत्काल प्रभाव से मंदिर का महंत नियुक्त किया है। वहीं एसडीओ को अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी के जरिए ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर में पूजा-पाठ का संचालन कराने का आदेश दिया है। पर्षद के अध्यक्ष ने एसडीओ को मंदिर की अचल-अचल संपत्ति की सुरक्षा का भी निर्देश दिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पर्षद के अध्यक्ष ने महंत के पिता दिनेश पाठक व माता रेखा देवी को कागजात के साथ स्थानीय थाने को 31 अगस्त को पर्षद कार्यालय में उपस्थित कराने का निर्देश दिया है। उपस्थित नहीं होने की स्थिति में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके अलावा जिन लोगों ने जमीन खरीदी है उनके दाखिल खारिज पर रोक लगाने का आदेश एसडीओ को दिया है। जबकि, जमीन की बिक्री और दाखिल खारिज कराने को लेकर पुरनहिया सीओ को भी तमाम कागजात के साथ पर्षद कार्यालय में 31 अगस्त को तलब किया है। वहीं एसडीओ को मंदिर की जमीन बेचने के आधार और सीओ द्वारा नियम के विपरित जमीन का दाखिल खारिज करने को लेकर पूरे मामले की जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही इससे संबंधित रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। पर्षद के अध्यक्ष ने मामले को गंभीर करार देते हुए डीएम-एसपी से भी कार्रवाई की अपील की है। यह हैं मामला

शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के पुरनहिया में सैकड़ों साल पुराना श्रीराम-जानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर है। यह मंदिर वर्ष 1960 से ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से निबंधित है। मंदिर के पास करोड़ों की जमीन है। पहली अक्टूबर 1993 को तत्कालीन सीओ के प्रतिवेदन के अनुसार ठाकुरबाड़ी की जमीन की खरीद-बिक्री या लीज नहीं किया जा सकता है। लंबे समय तक महंत बृजनारायण दास इस मंदिर के महंत रहे। उनकी हत्या के बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने 29 मई 2017 को महंत बृजनारायण दास के भतीजे प्रभु शरण दास को उक्त मंदिर का महंत नियुक्त किया था। लेकिन उस वक्त महंत प्रभु शरण दास नाबालिग थे। ऐसे में पर्षद ने उनके बालिग होने पर उनके पिता दिनेश पाठक को अभिभावक बनाया गया था। इधर, सीतामढ़ी जिले में हुई एक हत्या के मामले में डेढ़ माह पूर्व महंत प्रभु शरण दास को जेल जाना पड़ा। वह इन दिनों जेल में बंद है। जबकि, उनके माता-पिता द्वारा धड़ल्ले से मंदिर की जमीन बेची जा रही है। हाल ही में 20 लोगों ने करोड़ों रुपये में मंदिर की जमीन खरीदी है। इनमें कईयों ने दाखिल-खारिज करा भी ली है। मामले को लेकर गांव के संजय कुमार सहनी ने पर्षद में आवेदन दिया था। वहीं साक्ष्य के तौर पर जमीन की बिक्री के कागजात भी उपलब्ध कराए थे। जबकि, गांव के 200 से अधिक लोगों ने भी पर्षद को पत्र भेजकर महंत के माता-पिता द्वारा मंदिर की जमीन बेचने की जानकारी देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके आलोक में पर्षद ने मामले की सुनवाई करते हुए जहां महंत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है, वहीं उनकी जगह एसडीओ को न्यासधारी नियुक्त किया है। साथ ही एसडीओ को पूरे मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। वहीं इससे संबंधित प्रतिवेदन भी मांगा है। जबकि, महंत के माता-पिता और पुरनहिया सीओ को पर्षद कार्यालय में तलब किया है। पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा हैं कि, मठ की जमीन किसी भी कीमत पर नहीं बेची जा सकती है। बावजूद इसके अंचल कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से न केवल जमीन बेची गई है, बल्कि इसका दाखिल-खारिज भी करा लिया गया है। उन्होंने दाखिल-खारिज को लेकर पुरनहिया सीओ की कार्यशैली पर सवाल उठाया हे। साथ ही जांच का आदेश दिया है।

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