महिला सशक्तिकरण और युवाओं की तकनीकी शिक्षा पर जोर

शिवहर। विधानसभा में सोमवार को पेश बिहार बजट में महिला सशक्तिकरण और युवाओं की तकनी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 12:23 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 12:23 AM (IST)
महिला सशक्तिकरण और युवाओं की तकनीकी शिक्षा पर जोर
महिला सशक्तिकरण और युवाओं की तकनीकी शिक्षा पर जोर

शिवहर। विधानसभा में सोमवार को पेश बिहार बजट में महिला सशक्तिकरण और युवाओं की तकनीकी शिक्षा पर खास जोर दिया गया है। लेकिन, महंगाई से कराहते जनता का दर्द दूर कराने संबंधी किसी भी तरह का प्रावधान नहीं होने से लोगों में मायूसी है। हमने की शिवहर के अलग-अलग वर्ग की जनता से बात। कुछ ने बजट को सराहा तो कुछ ने बजट को नकारा। पेश हैं लोगों की बात :-

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बिहार बजट में तकनीकी शिक्षा पर खास ध्यान रखा गया है। यह बजट समाज के तमाम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। महंगाई पर नकेल संबंधी कोई पहल नही की गई है :

- सतीश कुमार, प्राध्यापक

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बजट में सरकार ने युवाओं के स्कील डेवलपमेंट पर फोकस रखा है। इंजीनियरिग कॉलेज के लिए 110 करोड़ रुपये दिए है। बेरोजगारी दूर कराने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी है।

- सुमित भारती, युवा

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बजट में महिलाओं का कुछ हद तक ख्याल रखा गया है। उन्हें ब्याजमुक्त लोन देने, समूह के जरिये आत्मनिर्भर बनाने आदि की पहल सराहनीय है। हालांकि, शिवहर जैसे पिछड़े इलाके की अनदेखी की गई है।

अंजू देवी

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क्षेत्रीय प्रशासन और थाना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, महिला उद्यमिता के लिए विशेष योजना, महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था और उच्च शिक्षा में महिलाओं को बढ़ावा देने की पहल सराहनीय है।

- पूजा सिंह

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बजट में कुछ नहीं है। गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़े इलाकों के विकास के लिए कोई प्रावधान नही है। गरीबों के लिए भी किसी भी प्रकार की घोषणा नही की गई है। यह गरीबों को छगने वाला बजट है।

-मुमताज अंसारी

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बिहार बजट में गरीब, बेरोजगार और किसानों की अनदेखी की गई है। बजट में लंबे-चौड़े सपने दिखाए गए है। शिवहर जैसेक छोटे और पिछड़े इलाके के विकास के लिए कोई पहल तक नहीं की गई है।

- कन्हैया सिंह

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बजट में सरकार का ध्यान तकनीकी शिक्षा पर है। लेकिन किसानों के हित में कुछ नही है। सरकार द्वारा छोटे और मंझोले किसानों की हितों की अनदेखी की गई है। बेरोजगारी दूर कराने का भी प्रावधान नही है।

सुनील सिंह, किसान

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सरकार बजट में कानून लाती है, लेकिन पालन नहीं होता है। रीगा चीनी मिल बंद होने से किसान कंगाल हो गए है। बजट में बंद चीनी मिल को चालू कराने और गन्ना किसानों की क्षति की भरपाई के लिए कुछ नही है। बबलू तिवारी, किसान

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बजट संतुलित है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन और नारी सशक्तिकरण पर सरकार का जोर है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बेहतर प्रयास कर रही है। बेरोजगारी के क्षेत्र में भी पहल की दरकार थी।

मदन सिंह चौहान

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बजट में कुछ चीजें बेहतर है। जबकि, कुछ की अनदेखी हुई है। बेरोजगारी और गरीबी के साथ महंगाई ने मिडिल क्लास फैमिली की परेशानी बढ़ा रखी है। लेकिन बजट में इस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं दिख रहा है।

सुनीता देवी

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यह बजट सरकार के सात निश्चय पर आधारित है। बजट में समाज के तमाम वर्गों के हितों का ख्याल रखा गया है। यह बिहार के विकास का बजट है। इसका लाभ आने वाले समय में लोगों को मिलेगा

नीतीश भारद्वाज, भाजपा नेता

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बेशक, बजट में युवाओं के लिए सरकार ने कई योजनाओं को जगह दी है। बावजूद इसके युवा हितों की अनदेखी हुई है। बेरोजगारी दूर कराने के लिए सरकार द्वारा बजट में कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

मुकुंद प्रकाश मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता

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बजट में वकीलों, बेरोजगारों, किसानों, मजदूरों, गरीबों, छात्रों और मध्यवर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में आय का स्त्रोत अ²श्य है। इसके कारण साल पूरा होने से पहले ही बजट दम तोड़ देगा। बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य गर्त में चला जाएगा।

शिशिर कुमार, अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन

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यह बजट बेरोजगारों और गरीबों को ठगने वाला है। यह बजट दिशाहीन है। इसमें कुछ नया नही है। मध्यम वर्ग की अनदेखी की गई है। बिहार का बजट केंद्र सरकार के बजट जैसा ही जनता को गुमराह करने वाला है।

मुकेश सिंह, कांग्रेस प्रवक्ता

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