चर्चित घोड़दाही नहर के वजूद पर संकट
समय के साथ बहुत से बदलाव हो रहे कितु बहुत ऐसी चीजें हैं जिसे सहेजने की जरूरत है खासकर प्राकृतिक संसाधनों को। इन्हीं में एक है पिपराही प्रखंड क्षेत्र स्थित घोड़दाही नहर।
शिवहर । समय के साथ बहुत से बदलाव हो रहे, कितु बहुत ऐसी चीजें हैं जिसे सहेजने की जरूरत है, खासकर प्राकृतिक संसाधनों को। इन्हीं में एक है पिपराही प्रखंड क्षेत्र स्थित घोड़दाही नहर। जो छतौना, बकटपुर, वनवीर एवं कुअमा होते हुए बागमती नदी से जा मिलती है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह नहर खास है। लोग बताते हैं कि इस नहर में पानी का इतना तेज बहाव होता था कि एक बार घोड़े तक को बहा ले गई। इसलिए इसका नाम घोड़दाही पड़ा। उक्त नहर इन दिनों अतिक्रमण का शिकार होकर वजूद खोने के कगार पर है। जिसका दुष्परिणाम आसपास के करीब दर्जन भर गांवों को भुगतना पड़ रहा। दरअसल जब यह नहर पूरी तरह अपने यथार्थ रूप में थी तब आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी आता था जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति में गुणात्मक वृद्धि होती थी। दूसरी ओर बाढ़ या बारिश के पानी की निकासी के लिए यह नहर एक मायने में वरदान थी। मौजूदा स्थिति यह है कि न सिर्फ मुहाने को अतिक्रमित कर लिया गया है, बल्कि कई जगह तो यह नहर खेत की शक्ल में दिख रही। नतीजतन छतौना विशुनपुर, बसंतपुर मोहनपुर सहित कई गांवों की जलनिकासी प्रभावित हो रही। प्रभावित ग्रामीणों ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उक्त नहर की दिशा मोहनपुर होते हुए मनुषमारा नदी की धारा में मोड़ दिया था। कितु घोड़दाही नहर का उद्गम स्थल अतिक्रमित होने से इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा।