बेलवा डैम का निर्माण अधर में, बाढ़ का खतरा

पिपराही प्रखंड के बेलवा स्थित बागमती नदी पर डैम का निर्माण कार्य इस साल भी अधर में लटका है। कार्य की मंद रफ्तार और कोरोना के कारण मजदूरों की संख्या में कमी बाधक बन गई है। लोगों को डर है कि बागमती नदी फिर कहर बरपाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 12:00 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 12:00 AM (IST)
बेलवा डैम का निर्माण अधर में, बाढ़ का खतरा
बेलवा डैम का निर्माण अधर में, बाढ़ का खतरा

शिवहर । पिपराही प्रखंड के बेलवा स्थित बागमती नदी पर डैम का निर्माण कार्य इस साल भी अधर में लटका है। कार्य की मंद रफ्तार और कोरोना के कारण मजदूरों की संख्या में कमी बाधक बन गई है। लोगों को डर है कि बागमती नदी फिर कहर बरपाएगी। हालांकि, डीएम सज्जन राजशेखर ने 21 अप्रैल को वहां का जायजा लिया था। उन्होंने 30 जून तक काम पूरा कराने का निर्देश दिया है। जबकि, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विमल कुमार ने कहा कि कार्य 31 अगस्त तक पूरा होगा।

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खेतों तक पानी पहुंचाने की है योजना : राज्य सरकार ने इस परियोजना को मई 2016 में स्वीकृति दी थी। लीज नीति के तहत 27 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। एचसीएल कंपनी को कार्य की जिम्मेदारी मिली। 31 अगस्त 2019 से काम शुरू हुआ। इसे वर्ष 2019 में ही पूरा करना था। मगर बाढ़ के चलते अधूरा रह गया। बाद में एजेंसी ने मंद रफ्तार से काम कराया। नतीजा, अब तक सिर्फ 50 फीसद काम हुआ है। 19 नवंबर 2020 को तत्कालीन डीएम अवनीश कुमार सिंह ने वहां का जायजा लिया था। एजेंसी के कर्मियों को फटकार लगाई थी। इसके बाद काम की गति बढ़ी। बाद में सुस्त हो गई। परियोजना की कुल लागत 7993.10 लाख रुपये है। इसके दायरे में जिले के 130 राजस्व गांव आते हैं। बाढ़ की तबाही का कारण बने बागमती के पानी को डैम बनाकर खेतों तक पहुंचाने की योजना है। 1816.61 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। अगले माह मानसून आने के बाद कार्य पर ब्रेक लग सकता है।

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सता रही चिंता : किसान अजय सिंह, मनोज सिंह और सियाराम प्रसाद ने कहा कि डैम बनने से बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान होगा। लेकिन, कार्य अधूरा रहने से चिंता बढ़ गई है। सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि मानसून की दस्तक के बाद कार्य प्रभावित होगा।

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