बागमती के तट पर कांवरियों का जमघट, दिखा भक्ति का उत्सव
शिवहर। हर-हर महादेव के जयकारे और बोलबम के नारों के बीच शनिवार को भी हजारों कांवरिया बागमती नदी का पवित्र जल लेकर अरेराज के लिए रवाना हुए।
शिवहर। हर-हर महादेव के जयकारे और बोलबम के नारों के बीच शनिवार को भी हजारों कांवरिया बागमती नदी का पवित्र जल लेकर अरेराज के लिए रवाना हुए। शनिवार को जिले के पिपराही प्रखंड अंतर्गत बेलवा घाट स्थित बागमती नदी तट से शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली और नेपाल के इलाकों से हजारों कावरियां भक्ति में डूबे और जल लेकर अरेराज रवाना हुए। इसके अलावा हजारों डाकबम का जत्था भी जलाभिषेक को रवाना हुए। शनिवार को अंतिम दिन बेलवा से कांवरियों का जत्था रवाना हो रहा है। देर रात तक लोग रवाना होते रहेंगे और रविवार को पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव का जलाभिषेक करेंगे। शिवहर जिले के बेलवा घाट से देवापुर के रास्ते जल लेकर ढाका, चिरैया व मोतिहारी शहर होते लगभग 95 किमी की दूरी तय करते हुए अरेराज पहुंच कर जलाभिषेक करेंगे। शनिवार की अलसुबह से ही बेलवा घाट पर श्रद्धालुओं का जमघट है। लोग बागमती नदी में स्नान कर बागमती के तट पर ध्यान कर जलबोझी कर रवाना हो गए है। इनमें महिला कांवरियों की तादासद काफी है। कांवर यात्रा को लेकर नदी घाट से लेकर कांवर यात्रा मार्ग तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। वहीं बेलवाघाट के पास नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई थी। जहां कांवरियों को सेवा के साथ परेशानी का निदान किया जा रहा था। घाट पर सुरक्षा को लेकर यशस्त्र बल और एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। रही। रोशनी व पानी की भी व्यवस्था रही। मेडिकल टीम भी तैनात रही। जबकि, डीआरडीए निदेशक शंभु कुमार, एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी, कार्यपालक दंडाधिकारी लालदेव राम, पिपराही बीडीओ मो. वाशिक हुसैन, सीओ पुष्पलता कुमारी, थानाध्यक्ष अनिल कुमार सशस्त्र बल के साथ कैंप कर रहे है। यहां देर रात तक श्रद्धालुओं का जाना जारी रहेगा। बताते चलें कि, शिवहर से अरेराज के बीच कांवर यात्रा का आयोजन दशकों से हो रहा है। प्रत्येक साल उत्तर बिहार के कई जिलों व पड़ोसी देश नेपाल के तीन लाख से अधिक श्रद्धालु शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के बेलवा घाट पहुंचते है। पांच दिनों तक कांवर यात्रा जारी रहता है। वहीं अनंत चतुर्दशी पर अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव के जलाभिषेक के साथ इसका समापन होता है। कोरोना की वजह से पिछले दो साल से आयोजन पर रोक था। लिहाजा, इस साल श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ है।