छोटा जिला बड़ा संदेश, बाल विवाह में साढे़ सोलह फीसद की गिरावट

शिवहर। सूबे के सबसे छोटे जिला शिवहर ने बाल विवाह की कुरीतियों पर लगाम लगाकर बड़ा संद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 12:24 AM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 12:24 AM (IST)
छोटा जिला बड़ा संदेश, बाल विवाह में साढे़ सोलह फीसद की गिरावट
छोटा जिला बड़ा संदेश, बाल विवाह में साढे़ सोलह फीसद की गिरावट

शिवहर। सूबे के सबसे छोटे जिला शिवहर ने बाल विवाह की कुरीतियों पर लगाम लगाकर बड़ा संदेश दिया है। शिवहर में पिछले पांच साल में बाल विवाह की दर में साढ़े सोलह फीसद की गिरावट आई है। भारत सरकार के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार वर्ष 2015-2016 में 51.1 फीसद बालिकाओं-किशोरियों के हाथ पीले कर दिए जाते थे। लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 34.6 फीसद रह गया है। इन पांच वर्षों में बाल विवाह में 16.5 फीसद की गिरावट हुई है। शिवहर अत्यंत पिछड़ा इलाका है जहां शिक्षा का अभाव है व आज भी भूत-प्रेत जैसे अंधविश्वास बरकरार हैं, ऐसे में यहां बाल विवाह में कमी निश्चित रूप से बड़ी कामयाबी कही जाएगी। इस कामयाबी की सबसे बड़ी वजह है किशोरियों में आई जागरूकता। एक ओर सरकार सात निश्चय योजना के तहत बाल विवाह पर रोक के लिए अभियान चला रही है वहीं मैट्रिक, इंटर और स्नातक पास करने पर कन्या उत्थान योजना के तहत राशि उपलब्ध कराने से भी बाल विवाह में गिरावट आई है। स्वयंसेवी संगठन गांव विकास मंच की भी अहम भूमिका रही है। इस संगठन ने शिवहर की महिला जनप्रतिनिधियों और किशोरियों को जागरूक करने के लिए सुकन्या क्लब का गठन किया। यह क्लब पिछले पांच साल से लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है। परिणामस्वरूप लड़कियों ने कम उम्र में शादी से इन्कार करना शुरू किया।

गांव विकास मंच के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि उनकी संस्था पिछले पांच साल से महिला और किशोरियों को आत्म निर्भर बनाने में लगी है। गांव और वार्ड स्तर पर सुकन्या क्लब का गठन किया गया है जहां किशोरियों को शिक्षा के लिए जागरूक किया जाता है। प्राथमिक मध्य, मध्य से उच्चतर माध्यमिक और कॉलेज तक किशोरियों को भेजने में कामयाबी मिल रही है। दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ किशोरियों को जागरूक किया गया। इससे व्यापक बदलाव आया है। बताया कि, अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा व अल्पसंख्यक समुदाय की किशोरियों के उच्च शिक्षा से जुड़ने से बाल विवाह पर रोक लगी है। जिला प्रशासन ने शिवहर की आधा दर्जन किशोरियों को बिहार दिवस के अवसर पर सम्मानित किया। एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी बताते हैं कि बाल विवाह और दहेज प्रथा, सरकार की सात निश्चय योजना में शामिल है। इसके लिए छापामार दस्ते का गठन किया गया है। प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को नोडल शिक्षक बना जिम्मेदारी दी गई। बाल विवाह कराने पर अभिभावक के अलावा पंडित और मौलवियों को सजा का प्रावधान है। इसकी वजह से अब बाल विवाह के मामलों में कमी आ रही है।

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