बागमती का रौद्र रूप कायम, पानी से घिरे कई गांव
शिवहर। लगातार बारिश से उफनाई बागमती नदी का रौद्र रूप रविवार को भी कायम रहा।
शिवहर। लगातार बारिश से उफनाई बागमती नदी का रौद्र रूप रविवार को भी कायम
रहा। जलस्तर में मामूली उतार- चढ़ाव जरुर देखा गया कितु संभावना जताई जा
रही कि नेपाल में बारिश थमने के बाद ही कुछ राहत मिलेगी। फिलहाल डुब्बा घाट
के समीप लगे मीटर रीडिग के मुताबिक जलस्तर 61.33 बताया गया जो लाल निशान
से 1.5 मीटर ऊपर है। इधर शिवहर के बेलवा घाट के समीप नदी में पानी का दबाव
लगातार बढ़ रहा जहां बागमती प्रमंडल के अधिकारी सुरक्षात्मक कार्य को लेकर
मुस्तैद हैं। इस बीच पास बन रहे डैम सह रेगुलेटर के समीप बने सुरक्षात्मक
बांध तोड़ बाढ़ का पानी आगे बढ़ रहा। उधर बेलवा, नरकटिया एवं इनरवा गांव के
निचले हिस्सों में पानी भर जाने से संबंधित ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई
हैं। बागमती नदी के पूर्वी तटबंध के भीतरी हिस्से में बराही जगदीश गोट
गांव पानी से घिर गया है फलत: प्रभावितों ने ऊंचे स्थान पर शरण ले रखी है।
जिला प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है।
लगातार बारिश के बीच आई बाढ़ की वजह से जन जीवन बेपटरी सी हो गई। आवागमन
पूरी तरह प्रभावित दिख रहा। मातृजिला सीतामढ़ी जाने में डुब्बा घाट के समीप
निर्माणाधीन एनएच 104 के डायवर्सन में भरा पानी बाधक है। वहीं दूसरी ओर
शिवहर- मोतिहारी पथ एसएच 54 में बेलवा घाट के समीप तो करीब ढाई किलोमीटर
सड़क पानी में डूबी हैं। उस होकर सफर करना खतरों से खेलने के बराबर है। प्राकृतिक आपदा से बेरौनक हुआ शहर कोरोना
संकट से बाजार की रौनक पहले ही कमजोर थी अब बाढ़ और बारिश से और भी
विरानगी सी छाई है। बाजार में लोगों की आवक काफी कम हो गई है। रविवार को
छुट्टी का दिन होने से सड़क सूनी दिखी वहीं दुकानों पर ग्राहकों की संख्या
नगण्य। वाहनों का परिचालन भी प्रभावित दिख रहा। खास जरूरत वाले इक्के
दुक्के लोग ही सड़क पर आते जाते दिखे। वहीं दूसरी ओर जल जमाव एवं कीचड़ ने
भी दुश्वारियां बढ़ा दी है। बारिश से उत्पन्न जल जमाव में नाली का गंदा
पानी मिल जाने से दुर्गंध फैल रही। लोग आने जाने से परहेज कर रहे। हालांकि
दोपहर बाद तेज धूप निकली तो एक उम्मीद जगी कि सोमवार को शायद मौसम में
बदलाव देखने को मिले।