सीबीएसई बारहवी बोर्ड में डीपीएस का आदित्य पांडेय बना जिला टापर
शिवहर। लंबे इंतजार के बाद सीबीएसई बारहवी बोर्ड की परीक्षाफल का प्रकाशन हुआ। इस परीक्षा में जिले के शत-प्रतिशत बच्चे सफल रहे।
शिवहर। लंबे इंतजार के बाद सीबीएसई बारहवी बोर्ड की परीक्षाफल का प्रकाशन हुआ। इस परीक्षा में जिले के शत-प्रतिशत बच्चे सफल रहे। डीपीएस और केंद्रीय विद्यालय का परीक्षाफल भी शत- प्रतिशत रहा। डीपीएस के सभी 47 परीक्षार्थी सफल रहे है। जबकि, केंद्रीय विद्यालय के सभी 14 बच्चों ने सफलता प्राप्त की है। डीएपीएस के आदित्य पांडेय 92 फीसद अंक प्राप्त कर जिला टापर बने है। जबकि, डीपीएस के ही आदित्य प्रकाश ने 91. 4 फीसद अंक प्राप्त कर जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा पूजा समेत सभी बच्चे सफल रहे है। डीपीएस,शिवहर के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार सिंह ने बच्चों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। वहीं सफल बच्चों व उनके अभिभावकों को बधाई दी है।
उधर, केंद्रीय विद्यालय शिवहर के पी.श्रीपति ने 89, 2 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया है। जबकि, सुदीक्षा कुमारी ने 83.2 फीसद अंक प्राप्त कर दूसरा व साइमा वकील ने 80.4 फीसद अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। धनकौल की स्मृति ने किया गांव का नाम रौशन
शिवहर : अवकाशप्राप्त शिक्षक वैद्यनाथ प्रसाद सिंह की पौत्री व संजय कुमार तथा पुनीता सिंह की पुत्री स्मृति रानी ने अपने गांव का नाम रौशन किया है। स्मृति रानी ने धनबाद डीपीएस से बारहवी बोर्छ की परीक्षा में 93.16 फीसद अंक प्राप्त किया है। धनबाद में रहकर ही वह पढ़ाई कर रही थी। उसकी सफलता पर गांव में उत्सव का माहौल है। वहीं स्वजनों में हर्ष है। स्मृति के चाचा केशव कुमार सिंह ने बताया कि, वह काफी मेधावी है। आदित्य ने किया माता-पिता का नाम रौशन
शिवहर : जिले के शिवहर प्रखंड के रेजमा निवासी विजय कुमार पांडेय के पुत्र आदित्य पांडेय सीबीसीएसई बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में जिला टापर बना है। डीपीएस शिवहर के छात्र आदित्य ने अपने माता-पिता को बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय विद्यालय के छात्र के रूप में उसने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में भी जिला टापर बनने में सफलता पाई थी। उसकी सफलता पर स्वजनों में हर्ष है। आदित्य मूल रूप से रेजमा का रहने वाला है। उसके पिता विजय कुमार पांडेय जेके इंफ्रा पटना में निदेशक है। आदित्य की एक बड़ी बहन है। आदित्य के पिता ने बेटे की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की हैं। जबकि, आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है।