सारण में की गई स्कंदमाता की पूजा

शक्ति संचय का पर्व शारदीय नवरात्र में शहर में गूंज रहे देवी मंत्र से वातावरण में भक्ति की रसधारा बह रही है। दशहरा मेले का आगाज भी एक दिन बाद होने वाला है। इससे चारों ओर उत्साह का माहौल है। श्रद्धालु नर-नारी भक्ति भाव से मां की आराधना में जुट गये है। आज श्रद्धालु भक्तों ने मां के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 10:52 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 10:52 PM (IST)
सारण में की गई स्कंदमाता की पूजा
सारण में की गई स्कंदमाता की पूजा

सारण। शक्ति संचय का पर्व शारदीय नवरात्र में शहर में गूंज रहे देवी मंत्र से वातावरण में भक्ति की रसधारा बह रही है। दशहरा मेले का आगाज भी एक दिन बाद होने वाला है। इससे चारों ओर उत्साह का माहौल है। श्रद्धालु नर-नारी भक्ति भाव से मां की आराधना में जुट गये है। आज श्रद्धालु भक्तों ने मां के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की। मां को भक्तों ने केला का भोग लगाया। ऐसी मान्यता है कि मां को केले का भोग लगाना चाहिए। दुर्गा सप्तशती के श्लोक से शहर का चप्पा-चप्पा गूंज रहा है। पूजा-पंडाल में देवी गीत बज रहे हैं। सूर्योदय होते ही पूजा पंडाल घर आंगन में धूप दीप, अगर, अगरबत्ती, घी के दीपक महक जा रहे है। घरों व पूजा-पंडालों में मां की दोनों समय आरती करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। वहां पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। देवी मंदिरों में भी विशेष पूजा हो रही है। पूजा-पंडाल में प्रतिमा को दिया गया अंतिम रूप :

शहर के पूजा-पंडाल में मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में कलाकार जुट गये हैं। मूर्तिकार मां की आंख बनाने में जुटे हैं। एक दिन बाद मां का पट खुलेगा। इसलिए मूर्तिकार बिना रुके प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं। नगरपालिका चौक पर प्रतिमा का निर्माण कर रहे मूर्तिकार ने बताया कि मां की आंख बनाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। गांधी चौक पर नाव पर मां की प्रतिमा को स्थापित किया जा रहा है। इनसेट :

आज भक्त करेंगे मां कात्यायनी की पूजा

छपरा : नवरात्र के छठे दिन शक्ति स्वरूपा मां कात्यायनी की पूजा -अर्चना महिला-पुरुष करेंगे। मां कात्यायनी देवी की पूजा लाल रंग का कपड़ा पहनकर करना चाहिए। पंडित अनीत शुल्क ने बताया कि मां को शहद का भोग लगाना चाहिए। मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना से भक्तों के सभी कष्ट खत्म हो जाते है। इनसेट आमी के अंबिका मंदिर में हर रोज बढ़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

फोटो 10 सीपीआर 1, 2 -नवरात्र के समय भोर में तीन से चार बजे तक होती है मंगला आरती संसू, दिघवारा : जैसे जैसे नवरात्र की तिथि गुजर रही है, वैसे वैसे आमी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। आमी मंदिर में आस्था, शक्ति व विश्वास का वातावरण पांच दिनों से निरंतर बना हुआ है। शनिवार की संध्या प्रहर मे मां अंबिका की अलौकिक व मनोहारी छवि का दर्शन पूजन कर श्रद्धालु आत्ममुग्ध हो गए। मां का गुड़हल, कमल, बेला, जूही, चमेली, गुलाब व गेंदे के पुष्पों सहित स्वर्ण व चांदी जड़ित आभूषणों से अनुपम श्रृंगार किया गया। माता की एक झलक पाने को आतुर भक्त हाथ में नारियल, चुनरी, माला फूल व प्रसाद अर्पित करने को खड़े रहे। नवरात्र के उपलक्ष्य में मां अंबिका का श्रृंगार व महाआरती का एक अलग महत्व व विशेषता है। आम तौर पर चार बजे से पांच बजे तक मंगला आरती होती है, लेकिन नवरात्र के समय भोर के तीन से चार बजे तक मंगला आरती की जाती है। सायं की आरती बड़ी आरती यानी महाआरती मैया का भव्य व अलौकिक श्रृंगार के साथ होती है। इस आरती में मंदिर के सभी पुजारी ड्रेस कोड में सम्मिलित होते हैं। व्रतधारियों के कीलक, कवच एवं दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से वातावरण गुंजायमान रहा। इधर शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन समाप्त हो रहा और व्यवस्थाएं जस की तस हैं। मंदिर जाने के तीन गेटों से जाने वाले रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गंगा में आई बाढ़ के बाद जलस्तर घटा है, लेकिन आमी गंगा घाट के हालात अभी भी सामान्य नहीं है।

chat bot
आपका साथी