मढ़ौरा में पैसा मांगने पर सब्जी दुकानदार की पीटकर हत्या
सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लेरुआं तख्त गांव में सब्जी विक्रेता की पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने आरेापित को गिरफ्तार कर लिया।
संसू, मढ़ौरा (सारण) : सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लेरुआं तख्त गांव में सब्जी विक्रेता हीरा सिंह की पैसा मांगने पर पीटकर हत्या कर दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भिजवा दिया।
बताया जाता है कि लेरुआं तख्त निवासी 70 वर्षीय हीरा अपने खेतों में करैले की सब्जी लगाये थे। बुधवार की शाम करैला तोड़कर बाजार जाने के लिए दरवाजे पर रखे थे। इसी बीच अवांरी निवासी 65 वर्षीय परवेज आलम वहां पहुंचा। दो किलो करैला लेकर फरार हो गये। हीरा सिंह ने साइकिल से उसकी पीछा किया। वे परवेज के दरवाजे पर जाकर करैला का पैसा मांगने लगे। उसने पैसा देने से इन्कार कर दिया। इसका विरोध करने पर वह लाठी-डंडे से मारने लगा। पिटाई से हीरा सिंह अचेत हो गये। लोग उन्हें रेफरल अस्पताल में लेकर पहुंचे। चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर मढ़ौरा एसडीपीओ इंद्रजीत बैठा व थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार के नेतृत्व में पुलिस पहुंची। इसके बाद हत्या के आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई। पुलिस ने परवेज आलम को गांव के खेत के पास घास पर छुपकर सोये हुए अवस्था में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया। हत्या की घटना के बाद मृतक के घर में कोहराम मचा हुआ है। हीरा सिंह की पोती ने दर्ज कराई प्राथमिकी
लेरुआं तख्त निवासी हीरा सिंह की पोती नंदलाल सिंह की पुत्री खुशी कुमारी के लिखित आवेदन पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। उसमें कहा है कि बुधवार की संध्या करीब पांच बजे मेरे दादाजी सब्जी बेचने के लिए रखे थे। इसी बीच बगल के गांव अवांरी निवासी परवेज आलम वहां पहुंचे और मेरे दादा को धकेल कर सब्जी लेकर भाग गया। इसके बाद मेरे दादा साइकिल से पीछा करते हुए उसके घर गये और सब्जी मांगने लगे तो वह देने से मना कर दिया। वह मेरे दादा को मारने पीटने लगा। इसके कारण उनकी स्थिति अचानक खराब हो गयी। बाद में उनको घर लाकर थोड़ी देर बाद मढ़ौरा अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने उनको मृत घोषित कर दिया। पूरे परिवार का भरण-पोषण करते थे हीरा सिंह
घटना के बाद से हीरा सिंह के घर में माहौल गमगीन है। ग्रामीणों के अनुसार हीरा सिंह के तीन पुत्र थे। उनमें से दो की मौत रोग या अन्य कारणों से हो गई। एक पुत्र नंदलाल सिंह राज्य से बाहर मजदूरी करते हैं। उनकी पांच पुत्रियां घर पर हीं रहती हैं। तीनों पुत्रों के परिवारों का पालन-पोषण हीरा सिंह ही खेती व सब्जी बेचकर करते थे। उनकी हत्या से परिवार की कमर ही टूट गई है।