दिल्ली से छपरा आये डाक्टर सहित तीन मिले संक्रमित
सारण जिले में एक बार फिर कोरोना के नये मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। बीते जुलाई के बाद पहला केस जिले में मिला। एक साथ तीन लोग संक्रमित पाए गए।
जासं, छपरा: सारण जिले में एक बार फिर कोरोना के नये मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। बीते जुलाई के बाद अक्टूबर में पहला केस मिला। संक्रमित तीनों लोग बुधवार को दिल्ली से छपरा पहुंचे थे। इनमें चिकित्सक सहित उनके परिवार के और दो लोग शामिल हैं। तीनों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है। इनमें संपर्क में आने वालों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं।
छपरा के चिकित्सक पत्नी का इलाज कराने के लिए कुछ दिनों से दिल्ली गए थे। वहां से बुधवार को वे छपरा लौटे। यहां आने पर उनकी कोरोना जांच की गई। जांच में डाक्टर, उनकी पत्नी व उनके कंपाउंडर कोरोना पाजिटिव पाए गये। इसके बाद तीनों को होम आइसोलेशन में रखा गया। सिविल सर्जन जेपी सुकुमार ने बताया कि संक्रमितों की निगरानी की जा रही है। आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। दूसरे प्रदेश से आने वाले सभी लोगों की छपरा जंक्शन पर ही व्यापक पैमाने पर जांच कराई जा रही है। बुधवार को पहली बार तीन मरीज मिलने के बाद जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अपनी व स्वजनों की सुरक्षा को ले जंक्शन पर ही करा लें जांच
सिविल सर्जन ने लोगों से कहा कि बाहर से आने वाले स्वयं व परिवार की सुरक्षा को लेकर छपरा जंक्शन पर ही कोरोना जांच करवा लें। जांच में पाजिटिव पाए जाने पर चिकित्सकीय सलाह के साथ रहना होगा। बताया कि टीकाकरण अभियान भी काफी तेजी से चल रहा है। जिले में जो सर्वे कराया गया है, उसके अनुसार अभी सवा लाख लोग टीकाकरण से वंचित हैं। उनके लिए महा अभियान भी शुरू किया गया है। --------------
कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना साकार कर रहीं आशा
जासं, छपरा : कोरोना काल में जब लोग क्वारंटाइन होकर घर में बंद हो गये थे, तो आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों के घर-घर पहुंच रहीं थीं। संक्रमितों को दवाएं उपलब्ध करा रही थीं। इनका योगदान संपूर्ण कोरोना काल में महत्वपूर्ण रहा है। स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अभियान की सफलता में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी अहम रहती है। कोरोना मुक्त व स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने में आशा कार्यकर्ता अनवरत अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। कोरोना जैसी गंभीर संक्रमण से सुरक्षा के लिए विभाग के द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
गुरुवार को महाअभियान आयोजित कर टीकाकरण किया गया। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। जिले के प्रत्येक आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। इसके साथ लोगों को टीकाकरण केंद्र तक लाने में भूमिका निभाई। कोरोना की लड़ाई में पिछले वर्ष मार्च से ही आशा कार्यकर्ता एक उम्मीद की किरण बनी हुई हैं। टीकाकरण महाअभियान के दौरान जिले के प्रत्येक आशा कार्यकर्ताओ ने अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन किया। जिले की रीढ़ हैं आशा कार्यकर्ता: सिविल सर्जन
सारण जिले के गड़खा प्रखंड के फुरसतपुर की आशा कार्यकर्ता सुजांती देवी, मीठेपुर की आशा चिंता देवी, रामपुर की आशा लाखमुनी देवी, गड़खा गांव की आशा मुन्नी गिरी, विभा देवी, बलहा गांव की आशा अर्चना देवी समेत अन्य ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। सिविल सर्जन डा. जेपी सुकुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं। ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के बीच आशा एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इनके माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रहीं लाभकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंच रहा है।