सारण में या देवी सर्वभूतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता.. से गूंजे मंदिर व घर

नवरात्र के पहले दिन घरों में विधि-विधान के साथ कलश स्थापनपा हुई। दिन भर पूजा-पाठ का दौर चला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 03:57 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 03:57 PM (IST)
सारण में या देवी सर्वभूतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता.. से गूंजे मंदिर व घर
सारण में या देवी सर्वभूतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता.. से गूंजे मंदिर व घर

शारदीय नवरात्र :

- देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना करने को उमड़ी भीड़, आज भक्त करेंगे मां ब्रह्माचारिणी की पूजा ------------

जागरण संवाददाता, छपरा: शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को घरों, पूजा पंडालों व मंदिरों में या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमो: मंत्र गूंजता रहा। नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं ने देवी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। घरों व पूजा-पंडाल में विप्रजनों ने कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।

ब्रह्मवेला से आचार्यों ने कलश स्थापना कराकर पाठ किया। श्रद्धालु नर-नारियों ने मां शैलपुत्री को घी का भोग लगाया। मां शैलपुत्री को घी का भोग लगाने से शरीर निरोग रहता है। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने से देवी -गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूजा-पंडाल धूप, दीप, अगरबती, अगज, कपूर से सुगंधित हो उठे है। दुर्गा सप्तशती के पाठ से माहौल धार्मिक हो गया है। श्रद्धालु आस्था के साथ मां की पूजा करने में जुट गये है। चारों तरफ पूजा की धूम मची हुई है। घरों से निकलते ही दुर्गा सप्तशती श्लोक व देवी गीत सुनाई पड़ रहा है। इससे मन पवित्र हो गया है। पंडित संपत कुमार मिश्र ने बताया कि जो श्रद्धालु दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते है, वे देवीसूक्त या देवी के 35 एवं 108 नाम का जाप करे इससे दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का फल मिलता है। देवी मंदिरों में दर्शन को उमड़ी भीड़

छपरा : शारदीय नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में भी पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। देवी मंदिरों में मत्था टेकने के लिए लोगों की भीड़ सूर्योदय के पहले से ही लग गयी। शहर के कोर्ट की देवी, भगवान बाजार दुर्गा मंदिर, कोण की देवी, पार्वती आश्रम, मां शाकांभरी मंदिर, साढ़ा ढ़ाला दुर्गा मंदिर, मौना वानगंज स्थित महामाया स्थान, आमी के अम्बिका भवानी, गढ़देवी समेत मईया स्थानों पर पूजा करने के लिए लोगों की भीड़ दोपहर तक लगी रही। पहले दिन मां के दर्शन के लिए लोग पहुंचे हुये थे। नवरात्र को लेकर देवी मंदिरों को भी फूल व रंग बिरंगे बल्बों से सजाया गया है। चारों तरफ भक्ति का माहौल दिख रहा था। अधिकांश श्रद्धालुओं ने देवी मंदिरों में पूजा दुर्गा पाठ भी प्रारंभ किया। वहां मंदिर प्रबंधन कोविड 19 के प्रोटोकाल का पालन करने का अनुरोध श्रद्धालुओं से कर रहे थे। श्रद्धालु आज करेंगे मां ब्रह्मचारणीदेवी की पूजा

छपरा : नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालु नर-नारी मां के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारणी देवी की पूजा अर्चना करेंगे। मां के दूसरे स्वरूप को शक्कर का भोग लगाया जाता है। श्रद्धालु हरा वस्त्र पहनकर पूजा -अर्चना करेंगे तो विशेष लाभ होगा। मां को शक्कर चढ़ाने से आयु की व़ृद्धि होती है। मां श्वेत वस्त्र धारण करती है और एक हाथ में माला व दूसरे हाथ में कमंडल धारण करती है। वे भक्तों का कल्याण करती है। देवी के दूसरे स्वरूप की पूजा -अर्चना करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सोशल साइट पर भी नवरात्र की धूम

छपरा : नवरात्र की धूम घर - शहर से लेकर सोशल साइट पर भी धूम दिखाई दे रही है। नवरात्रा के बधाई वाले संदेश से लेकर वीडियो लोग एक -दूसरे को भेजकर बधाई दे रहे है। नवरात्र पर कई यूजर अपना डीपी एवं प्रोफाइल पिक्चर भी बदल दिए है। सोशल साइट पर भक्ति की रसधारा बह रही है। फेसबुक पर भी लोग सुबह में नवरात्र के बधाई वाला संदेश अपलोड कर रहे थे। इनसेट :

मां अंबिका भवानी के दरबार में भक्तों ने लगाई हाजिरी

संसू, दिघवारा : दिघवारा के आमी गांव मे गंगा नदी तट स्थित सुविख्यात प्रसिद्व सिद्धपीठ मां अंबिका मंदिर में नवरात्र के प्रथम दिन माता के दर्शन व पूजन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। देर रात्रि से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड दर्शन पूजन को जुटने लगी। अहले सुबह देवी स्त्रोत के बीच मां अंबिका का पट खुलते ही घंटा व जयकारों की गूंज से मां का दरबार गूंजायमान हो उठा। नवरात्र में साधना आराधना के जरिये अधिक से अधिक उर्जा संचय करने के लिये मां अंबिका के दरबार में श्रद्धालु हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि यह स्थल राजा दक्ष प्रजापति की यज्ञ स्थल है। जहां सती ने हवनकुंड में कूद अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी। दुर्गा सप्तशती में वर्णित राजा सूरथ व समाधि वैश्य की तपोभूमि के रूप में भी यह क्षेत्र विख्यात है। पूरे विश्व में मां की मिट्टी की पिडी रूपी प्रतिमा आमी छोडकर कहीं नहीं है। मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया और अपनी साधना में जुटे हुये है।

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