पीरियड्स पर छात्राओं की चुप्पी तोड़वाएंगी शिक्षिकाएं

अब सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाएं वहां पढ़ने वाली लड़कियों को पीरियड्स के प्रति जागरूक करेंगी। उनकी हिचक को खत्म करेंगी। चुप्पी तोड़ सारी समस्याएं बताने को जागरूक करेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 03:36 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 03:36 PM (IST)
पीरियड्स पर छात्राओं की चुप्पी तोड़वाएंगी शिक्षिकाएं
पीरियड्स पर छात्राओं की चुप्पी तोड़वाएंगी शिक्षिकाएं

जागरण संवाददाता, छपरा: अब सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाएं वहां पढ़ने वाली लड़कियों को पीरियड्स के प्रति जागरूक करेंगी। इसको लेकर प्रत्येक हाई स्कूल में एक शिक्षिकाओं को मेंस्टुअल हाईजीन मैनेजमेंट(एमएचएम) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार शिक्षा परियोजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत यूनिसेफ माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय की एक शिक्षिका को एमएचए का प्रशिक्षण देगा, जो विद्यालय में एमएचएम की नोडल शिक्षिका होगी। उन्हें आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। यही शिक्षिका छात्राओं को स्कूल में बड़ी बहन की तरह पीरियड्स एवं किशोरी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगी।

छात्राओं को स्वच्छता के प्रति किया जाएगा जागरूक

इस दौरान उन्हें बताया जाएगा कि पीरियड्स के दौरान लडकियों को क्या-क्या परेशानी होती है। इस दौरान साफ-सफाई एवं स्वच्छता कितनी जरूरी है। पीरियड्स पर छात्राओं की चुप्पी तोड़वाएंगी। झिझक को खत्म कराया जाएगा। इसको लेकर पहले जिले की सभी माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक स्कूलों की एक-एक शिक्षिकाओं को पांच दिनों का प्रशिक्षण यूनिसेफ देगा। यूनिसेफ महिला शिक्षिकाओं को पीरियड्स के प्रति अंधविश्वास एवं उस समय होने वाले सामान्य बीमारियों से क्या होती है, इस दौरान क्या करना चाहिए, आदि की जानकारी देगा। चिकित्सक व एक्सपर्ट देंगी हाईजीन मैनेजमेंट की जानकारी

इसका पूरी जानकारी चिकित्सक एवं एक्सपर्ट के द्वारा दी जाएगी। उसके लिए जिले के सभी हाई एवं प्लस टू स्कूलों से एक-एक शिक्षिकाओं का चयन किया जाएगा है। ये शिक्षिकाएं लड़कियों को मेंस्टुअल हाईजीन मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी देंगी और उसने खुलकर बात करेंगी। यूनिसेफ से जोड़ा जाएगा स्कूली छात्राओं को

एक गैर सरकारी संगठन के सर्वे में यह बात सामने आयी है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियां स्कूल नहीं आती है। इस दौरान वह घर में भी अछूत की तरह रहती हैं। यहां तक कि शादी- ब्याह के रस्म में भाग नहीं लेती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान वे साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं देती हैं। इसलिए उन्हें कई बीमारी हो जाता है। इसलिए बिहार शिक्षा परियोजना ने यूनिसेफ के माध्यम से छात्राओं को सीधे जुड़कर उन्हें जागरूक करने का निर्णय लिया है, ताकि पीरियड्स के दौरान वे साफ-सफाई पर ध्यान दें। इस दौरान होने वाली परेशानियों से बच सकें।

-================

- मेंस्टुअल हाईजीन मैनेजमेंट पर शिक्षिकाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

- स्कूलों में अंधविश्वास व परेशानी से छात्राओं को करेंगी जागरूक

chat bot
आपका साथी