विद्यार्थियों को अपना मूल्यांकन खुद करना चाहिए : डीआइजी

जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी डीआइजी विजय कुमार वर्मा बुधवार को बच्चों के बीच थे। उनके सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान कभी शिक्षक की भूमिका में दिखे तो कभी अपने बचपन की याद कर मुस्कुराए भी। अवसर था दैनिक जागरण की ओर से आयोजित बाल संवाद का। प्रशासन क्या होता है। यह कैसे कार्य करता है। बच्चे प्रतिदिन चौक-चौराहे पर जिस पुलिस को देखते हैं वे कैसे कार्य करते हैं। इन सब बातों की जानकारी डीआइजी ने बच्चों को दी। शहर के सारण सेंट्रल पब्लिक स्कूल व लोकमान्य उच्च विद्यालय के बच्चे डीआइजी से उनके कार्यालय कक्ष में रू-ब-रू थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 11:03 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 06:19 AM (IST)
विद्यार्थियों को अपना मूल्यांकन खुद करना चाहिए : डीआइजी
विद्यार्थियों को अपना मूल्यांकन खुद करना चाहिए : डीआइजी

जागरण संवाददाता, छपरा :

जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी डीआइजी विजय कुमार वर्मा बुधवार को बच्चों के बीच थे। उनके सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान कभी शिक्षक की भूमिका में दिखे तो कभी अपने बचपन की याद कर मुस्कुराए भी। अवसर था दैनिक जागरण की ओर से आयोजित बाल संवाद का। प्रशासन क्या होता है। यह कैसे कार्य करता है। बच्चे प्रतिदिन चौक-चौराहे पर जिस पुलिस को देखते हैं, वे कैसे कार्य करते हैं। इन सब बातों की जानकारी डीआइजी ने बच्चों को दी। शहर के सारण सेंट्रल पब्लिक स्कूल व लोकमान्य उच्च विद्यालय के बच्चे डीआइजी से उनके कार्यालय कक्ष में रू-ब-रू थे।

डीआइजी ने बच्चों को पुलिसिंग के बारे में सहज ढंग से इस दौरान बच्चों को अपने बारे में भी जानकारी दी। उनके बारे में जानकारी ली। बच्चों से परिचय लिया। डीआइजी ने बच्चों से बातचीत में कहा कि कोई भी व्यक्ति तभी सफल होता है जब वह पूरी लगन एवं ईमानदारी से प्रयास करे। कोई चीज किसी पर थोप कर उसे सफल नहीं बनाया जा सकता। सफलता के लिए जरूरी है कि उसमें संबंधित व्यक्ति की दिलचस्पी हो।

उन्होंने कहा कि यहां मौजूद कई ऐसे विद्यार्थी होंगे जिनकी पेंटिग में रूचि होगी। ऐसे में उसे फुटबाल खेलने के लिए मैदान में भेज दिया जाए तो वह सफल नहीं हो सकता। इसलिए अपने अंदर के हुनर को पहचानिए। उसके संबंध में शिक्षक, माता -पिता एवं बडे़ भाई -बहन को बताइए। अपना मूल्यांकन खुद करना चाहिए।

पुलिस उपमहानिरीक्षक ने कहा कि अक्सर पुलिस की नकारात्मक छवि को दिखाया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। कुछ पुलिस कर्मी गलत हो सकते हैं, सभी गलत नहीं होते। इनसेट:

बाल संवाद में इन छात्रों ने लिया हिस्सा :

संगीता कुमारी, रोशन भारद्वाज, शिवम गिरि, अमन कुमार, सीपीएस, काजल कुमारी, मनीषा कुमारी, खुशी कुमारी, स्नेहा, रोशनी, प्रदीप कुमार राय, समीर कुमार, कुश कुमार, प्रवीण कुमार, रागिनी कुमारी, लोकमान्य उच्च विद्यालय के छात्र - छात्राएं शामिल थे।

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